Book Title: Angavijja
Author(s): Punyavijay, Vasudev S Agarwal, Dalsukh Malvania
Publisher: Prakrit Granth Parishad

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Page 409
________________ २९६ शब्द चलित चलोढ चल्ला चवला चसणिका ? चंडक चंडता चंद चंदग चंदगरस चंदणिकाल चंदलेहा चंपकलेल चंपकाली चंपगपुष्फ चाउल चातुब्वण्णविधाण चातूहिक चापल वाय चार चारकपाल चारायण चालित चांडिक चिति चितका चित्तकारक चित्रकूट चित्तगिड़ पिजीवी चित्तपडिमा चित्तवण्ण चित्तवपडिभागा चित्तविजा चिक चियेतूर्णं चिराइवत्त चिराय चिलाती Jain Education International क्रिया. चोलपट्ट १४२ पत्र अङ्ग ६० १२५ स्थल - बहुपदा २२७ १५३ गोत्र १४९ ५९ - १२४-१२९ पुष्प वृक्ष देवता चापल्य कर्माजीवि 39 १४८ चिल्लक चिलिक चिंचिणिक शब्द चिलात देशजा चिंतितं अज्झातो चिंतितो अज्झायो चिफलक चीणपट्ट चीर्णसुग चीती पुष्प ६३ ३ चापल्य १०३ चुंबणा सोडस चातुरहिक २६१ चुंबित क्रिया. २ चि भोज्य १८१ चुंबिय विभासापडलं वृक्ष ६३ चुंभल १५९ कुंभलक ७० ६३ २३२ २३२ चुण्णक ६९ छारिका २३२ चुण्णिकार १०४ चुरु कित चुडिलीय अंगविजाए सहकोसो चुल्लमाता गोष १५० चूचुका क्रिया. १४८ चेट्टितक ? गोत्र १४९ चेति चिता १०१-१४८ चेतिक २५४ चेतित कर्माजीविन् १६० १६१ चेतितपादव पर्वत ७८ चेतितागत चित्रगृह १३७-२२२ चेतिय कर्माजीविन् १६० चेलिकसुतीजा चित्रप्रतिमा १८३ चेलिम वर्ण १०५ चोरयाता ५८ चोरकोपहारा चित्रविद्या १३० चोरवासो नगर अङ्ग ११४ चोरवेला चित्वा २३५ चोरालि चिरातिपुच १६ चोलक ९५ चोलाडिगा चोलो ६८ पत्र वृक्ष ६३. ७३ ७० नपुंसक वृक्ष आसन वस्त्र ६४-१६३-२३२ २२३ २३४ १५ वस्त्र ६४ छड़ि चिता २३४ छड़ेंत भोज्य २४६ छण "" शब्द चुडुल्याः ९२ छत्तकारक गृहधवलनद्रव्यम् १०४ छत्तधारक २५५ छत्तंसासणहारण ? कर्माजीविनू १६० छत्तोध कृमि २२५ उमाण सपनीमाता ६८-२१९ छप्पि भाण्ड ७२ छमिणी चुम्बनानि पो ११ छलंगवी ४८-१३८-१६८-१८३ छलंस छइच्छेद छक छत्तो छगणपीढग छगली छट्टाणी सापणी अवतंस - शेखर २४२ छंदोग "" क्रिया. ९-१० छलिक ( छंदक ) ? ४९ छंदेति पुष्प ६४ छंदोक स्तनाग्र ६६ छागलिक जाति १४९ छात चैत्य १४८- २३३ छातक चैत्य ३१ छातता २६ छायत्त चैत्यपादय ३० छाया चैत्यागत ४१ छायाखंभ चैत्य १४७ छाया संपन्न चेलिकसूत्रजा १८ छायछायाहीण २७ छारिन कर्माजीविन् १६१ छिक्क १६० छिष्ण १६१ हिण्णंगाला २४७ छित्त भोज्य ७१ छिन्नगाली संस्कारोत्सव ९७-१४३ हिर क्षुद्रजन्तु २३८ हिरा उत्सव २२३ छिवित For Private & Personal Use Only छविच्छेद १४४ १२६ पत्र पदकृत्वः १८४ छगणपीठक २६ ६६ ८ अङ्ग - चोटिका ? महणी पसाधनी ८ रोग २०३ छर्दयत् ३७ क्षण १२१ कर्माजीविन् १६० १६० ७९ वृक्ष ६३ १३५-३० षडपि १९१ वृक्षजाति ७० गोत्र १५० पडस २४२ १२० छन्दयति १३ गोत्र १५० गोत्र १५० कर्माजी १५९ दे० बुभुक्षित ३८-१२१ क्षुधितक १४२-१४३ क्षुधालुता १३५ दे० बुभुक्षितत्व ११ लक्षण १७३ छायास्तम्भ २७-३० १७४ १७४ ३९ क्षारिका रक्षा गुल्मजाति ६३ छिन्न १-१३१ प्राणी स्पृष्ट ? 33 - २३९ ७९ कुलटा १८३ प्राणी २३७ शिरा ६६ स्पृष्ट १८३-१८४ www.jainelibrary.org

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