Book Title: Angavijja
Author(s): Punyavijay, Vasudev S Agarwal, Dalsukh Malvania
Publisher: Prakrit Granth Parishad

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Page 411
________________ २९८ अंगविज्जाए सहकोसो शब्द पत्र १० णत्ति पत्र वृक्ष ६३ नह ६८ दे० नस्तक २०२ दे० नस्तन २१४ नास्ति १९ पक्षी २२५ " २२५-२२८ २२५ १३९ २०९ ५७-७२ १६८-२०१ निस्फटित २१७ नमस्कृत १५५ नमस्कृत्य ११२ १८६ १३९ डोभा डोहला गोत्र १५० णमोक्कारयित्ता ___, १५० २२८ मत्स्यजाति पशु २२७ शब्द शब्द जूधिका पुष्प ७०-१०४ ठियपडल ३३ णत्तमाल यूप १०१-१४८ ठियपत्थिय जूस ६४ ठियविहि णत्थक जेव एव १४६ ठियंतिय णत्थण जोइसमंडल ज्योतिर्मण्डल ११५ ठियामट्ठा णथि- स्थी जोगक्खेम योगक्षेम १३४ ठियामासा ५९ - १०४.१०५-१२८ णदीकुक्कुडीक जोगवहा योगवाहाः १५३ णदीपृत्तक जोजयितव्वं योजयितव्यम् १८५ डआलुअ नौविशेष १४६ णदीसुत्तक जोणिका यौनदेशजा ६८ डहस्क लघु ९८-१२८-१५३ णपुंसकजोणि जोणिवालिक? १४२ १२९-२०४ णपुंसकणक्खत्त जोणी अज्झाय १३८-१४० डहराक लघु ११९ णपुंसकाणि जोणीलक्खण वागरण १४०-१४४ दहत् ३८ णपुंसकामास जोतिसिक गोत्र १५० डिप्फर आसनविशेष १७ -२६-६५ णप्फडित जोयिजमाण योज्यमान १९८ नौविशेष दुपकहारक णमोक्कत ७९ जोवणत्थजोणि जोवणत्थमज्झिमवयसाधारणाणि ५ णयणातिमास जोग्वणस्थाणि ५७ -९७ - १२ णयणामास जोसिता युवती व ढंकराली पक्षी २३९ णरमच्छ टेल्लिका नितम्बौ ११४ णरसीह झणित ध्वनित १४७ ढेल्लिय मृत्खण्ड २१५ णरेतर झपित क्षपित १४३ णल शय ध्वज १४२ झयक्खंभ ध्वजस्तम्भ ३० गइकुकुडिका झल्लरीमंडल णकूड स्थानविशेष १३६ णवखुत्तो झंकक आभू. ६४ णक्खत्तमंडल झंझणित क्रिया. १४७ णक्खत्तविजयो अज्झायो २०६-२०९ णवणीत झामित ध्यामित १४८ णक्खपद नखपद १८५ णवमल्लिका झामितापस्सन २७-३० णक्खंतरातिमास णवमिगा झीण क्रिया. ८१-१४८ जगत्ति गोत्र १५० गंतकविकला झुझुरायित क्रिया. १४८ णगरगुत्तिय कर्माजीविन् १६० गंतुका झुपित गरणक्खत्त २०९ दिविणद्धक शुषिर १०० णगरदेवता देवता २०६ गवुतिवग्गा झोसित क्रिया. १४८ णगररक्ख कर्माजीविन् १६० णवूहक णगरविजयज्झाम १६१ णहसिहा टक्कारी वृक्षजाति ७० णगराधियक्ख नगराध्यक्ष १५९ णहसेढि टेट्टिवालक पक्षी २२५ णम्गोध वृक्ष ६३ णाग णच्छक रोग २०३ णागतण्णु ठइय स्थगित २४१ नहोसक नाव्याचार्य ? ६७ णागमालक ठवेतूण स्थापयित्वा १९७ गट्ठ नष्ट १४८ जागरुक्ख ठाणज्झाय १५९ णटुकोसयो अज्झातो २२२ णागवेला ठितविधिविसेस ५९ णट्ठजोणि १३९ णाणी ठितसाधारण १३९ णट्ठाणटो अज्झायो २१७ णातिकिसा ठितामास २१ णडिकुक्कडिका पक्षिणी ६९ णापुण्णमंडल ठिदामास २४ णतिभया ८ णाभिणिदिसे " पक्षी २३८ गलियमालिका ११६ णकूड णवण वृक्ष ६३ मत्स्यजाति २२८ आभू. १ नवकृत्वः १८४ उत्सव भोज्य २२० पुष्प देवता २०५ नंतकविकला १९६ पक्षिणी ६९ शीर्षमाभू. १६२-१८३ " १४८ झुसिर 1, Jibu l पक्षी २२५ अङ्ग १२४ नखश्रेणि १२५ परिसर्पजाति अनागतज्ञ १२९ गुल्मजाति ६३ वृक्ष ६३ २४७ ५८-११४ ११६ न अभिनिर्दिशेत् ३८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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