Book Title: Angavijja
Author(s): Punyavijay, Vasudev S Agarwal, Dalsukh Malvania
Publisher: Prakrit Granth Parishad

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Page 430
________________ शब्द वालवा वालिका वालीणा वालुक्क वालुक वालुकी बाबदारी बाजोगीमा वावारक ? वाविद्ध वास वासकडक वासघर वासण वासंती बासिह वासुरुल वासुल वासुल वाहणगत वाहिज विदयु विमाकरे विइत्त विकद्रुति विकरण विकलका विकंपण त्रिकालिका विकूर्णत विपिन विकृषित विक्कणित विक्कस विकंदित विक्कंदियपडले विदिवाण अव विक्ख "" बिक्सर विक्खिण्ण वित Jain Education International पत्र फल गोत्र कर्णमाभू. मत्स्यजाति २२८ विक्खिन्न ६४ बिखरे विखिवंत विगतस्सर ७० १५० विगयसंठाण विगलप्पमाण १८८ "" वृक्षजाति गोत्र शब्द शब्द क्रिया. १५० विक्खित्तमणता विक्षिप्तमनस्कता १३५ विणिकोलत ७१ विक्खित्तविकधा विक्षिप्तविकथा 21 विट्टते ८०-१६८-१७१ विणियत्त विकीरेत् ४५ विणीयविणक्ष विच्छिति विक्षिपत् १३५ दिकृतवर विकृत संस्थान ३५ १७ २१४ १०७ ८० वृश्चिक २१० विक्षिप्त १६८ १२२-१७१ विस्तीर्ण विक्षिप्त १६८ - १७१ ५२ ४१ २३८ विगिलते १६७ १८३ व्याविद्ध १०८ - १३० विघोलते व्यास - विस्तार ४८ विच्छिक वासकटक विच्छित्त वासगृह २२२ विच्छिन्न १४२ विष्णुद ७०-१०४ विच्छुद्धगत्त गोच १५० विच्छे ? स्थानविशेष २२२ विजयद्दार वसन पुष्प गोत्र १४९ विजयिका द्वितीयं परिशिष्टम् पुष्प ७० - १०४ विजाणीया दोहदप्रकार १७२ मिता वाहन १९३ विज्जा व्याकुत् १२४ ४७ विजादेवता विचित्र ६ विज्ञाधारक विकर्षति ८० विजासत्थाहिवुत्था १४६ विज्जिस्सति २३७ विहि 99 ४४ विट्ठण ४४ विडिएभ पत्र वृक्ष ५ विट्ठ नपुंसक ७३ विणमंत विक्षरति ४५ विणयजोणि विकीर्ण १०८ विणासित विक्षिप्त १२- ३८ विणासिंत क्रिया. विष्णातून विष्णासमवाय विन्यासनार्थतया चिन्ह ? वितङ्गीक वितत विताक वितीतोस वित्त विदू विधत्ते विधार विधावति १४४-१४६ विधित्तिक विजयवती १९८ विधीचार विजानीयात् देवता १४ विधीयति ६९ विपज्जय ६९ विपडत 39 33 पत्र विनिकृजत् ? विनिष्ठीवति विनिवृत्त विनीतविनय पिनत्स्यति विज्ञाय विद्यात् १८-४६ विपत्तीसंपदा देवता २२४ विपाडित कण्ठआभू. १६२ देवता २२४ विपिक्खियविहि क्रिया. १७५ विपेक्खितविधिविसेस क्रिया. ८८ विप्यकति क्रिया. ९० विप्पकिण्ण विवक्ष्यति ८१-८५ विप्पघोलति क्रिया. १३० विज्जिहिति आभू. ०१ विहि वित् ४२ विज्जु क्रिया. १८४ विमुता १२३-१३० १५५] विधाय विद्युत् २०६ विनोति विद्युत् २५४ विप्पयोगजोणि विधुति ५. विप्यरिचेते क्रिया- ११० विप्परिवत्तते भोज्य १८२ विज्झवित विक्षपित विध्यापित १६८-१७१ विप्परिसि विक्कणित १८३ विजेते विन्दित १५५ विमीयति विक्षीयते २५० विप्पलोट्टित वेष्ट १९० विप्पलोवण विटपक ६ विप्पसारित विनष्ट १६८ - १७१ विपेक्खियाणंगे दस विनमत् ३३-३७-१३५ विप्पोसहिपत्त विप्रुडौषधिप्राप्त लब्धि १३९पिडित विभ्रष्टपतित क्रिया. १४८ - १६८ विभत्तीअ विभक्त्या ४० विनाशयत् २८ विभाज विभाजयेत् ४४ ८ ४४ For Private & Personal Use Only वितर्दिक A ६ क्रिया. ११७ वस्त्र ६४-१६४-२०६ वृतितोष ९३ विस्तृत ११७-१३४-१९० विद्वान् १० क्रिया. १५५ विहार २२७ क्रिया. ८० फलजाति ७० वीथीचार २०६ विधीयते १२९ विपर्यय ४५ विपतत् १२२ १० ३६ १०८ ८१ ४ ८४ १२७ १३० १९४ विपातिवादित विपाटित १६८ - १७१ ९-१० ५९ विप्रकर्षित १९५ क्रिया. १०८ ८० क्रिया. विप्रयोजित २०० १३९ क्रिया. ८० ८० "" " विप्रर्षि १०१ क्रिया. १५५ २०० १०८ ११-३४ " www.jainelibrary.org

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