Book Title: Angavijja
Author(s): Punyavijay, Vasudev S Agarwal, Dalsukh Malvania
Publisher: Prakrit Granth Parishad
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३२२
शब्द
सिन्भ
सिरिकंड
सिरिकंसगा
सिरिकुण्ड
सिरिघर
सिरियक
सिरिचच्छ
सिरिविटुकसद सिरिवेडक
39
सिरी
सिरीस
सिरीमालिका
सिरीसिव
सिरोमुहपरामास
सिरोमुद्दामास
सिलातल
सिलापट्टपासाणा
सिपि
सिलोचय
सिवाणि
सिविण
सिग्वणी
सिरसजोगि
सिस्सोपरसावण
सिहा
लिंगक
सिंगमय
सिंगारबानिया
सिंगालक ?
सिंगि
सिंगिका
सिंगी
सिंघाडक
33
सिंदीवासी
सिंधुवार सिंवितालित ?
सीडक
सौण्ड्राणि सीवलोकी
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गुरुमविशेष
पत्र
शब्द
क्षेम २०३ सीकादारक पक्षिनाम ६२ सीकुंडी
भाण्ड ६४ सीडा कुण्ड ६५ सीत
२२२ सीतपेटक ११ सीतभोषण आभू. ६५ सीतल १७७ सीतला
बाल
रस २३२ सीता उद्भिज २२९
देवता २०५
अंगविजाए सहकोसो
सीपिंजुला
सीमंतक
वृक्ष ६३ सीमंतिका
आभू. ७१ सीया सरीसृप
१९१ सीवण्ण
२६ सीवण्णी
१३२ सीसमय
शयन ६५ सीसवत्तिया
२३४ सीसारक्ख
वृक्ष ६३ सीसावक पर्वत ७८ सीसेकरण ५८-११३-१२८ सीसोपक स्वस १८८ सीहक
अङ्ग
वृक्षजाति
६६ सीहविजंभित १३९ सीहस्सभंडक ५ सुउत्तम ६६
क्रिया ७१ सुधामास आभू. ६० सुधरा
१२८ सुचिम ७० सुजग्गम
शब्द
कर्माजीविन् १६१ सुगमवण्यपविभागा मत्स्वजाति २२८ सुमोदन
पत्र
फल २३८ सुज्झिय
१२४ सुट्टियहि कर्माजी १५० सुट्टियार्य १८० सुणवारक
७३
सुहि
५८ सुण्णिक ?
६६
सुण्डा
अङ्ग पक्षिणी
६९
अङ्ग ७६ सुतवी सीमा २१४ - २४१
शिखा
९७-१४२-१६९ सुक
भाण्ड २२१ सुक्कपडीभाग कर्माजीवत् १५० सुकपण्डुपडी भागा २३८ सुक्कल नकुलिकाविशेष १७८ सुकवण्णप डिभागा
लघ्वी बाला ६८ सुक्कामास शम्बा १६६ सुकिल भोज्य १८१ सुक्ख शृङ्गाटक-मार्ग १३७ - १८४ सुक्ख मलाणसु शुष्क- म्लानयोः वृक्षजाति ७० सुक्खामास गुल्मजाति ६३ - १०४ सुगंधाणि
सुतीसील शिबिका २६ सुतोप फल ६४-२३८ सुत्तक श्रीपर्णी वृक्ष
७० सुत्तक्किय
आभू. १६२ सुत्तगुणविभासा पडल वृक्षजाति ७० सुतवत कर्माजीविन् १५९-१६० सुत्तवाणिय शीर्षमा २४२ मुसिका
वख १६४
सुतेरक ? शीर्षमा १६२ सुविधागत बाल ? कोमल ? सिंहविजृम्भित
१४५ सुद्द
४७ सुदखत्त आभू. ६४ श्रुतोत्तम
9
५९-१२४
वर्ण १०५
१०३
१२८
११४
५७-१०४
शुक्रप्रतिभाग
सुद्दजोणि सुरन्सोसिय
सुरभ
सुदवेस सुजाण
सुहोसण्ण
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सुद्धरजक
सुद्धवसिई
सुसुक्साम २०२ मुदाकारी
शुक्ल १०४
सुदामास
शुष्क ४१ सुपतिक
१४ सुप्प
१६७ सुप्पतिभाणवं
५८-१२२- १२८ सुभिक्खदुभिक्ख २०२ सुभिक्खयोगक्खेम गोत्र १५० सुमंगल शुचिमत् ९० सुयवेद
वर्ण १०५ सुरगोपक
पत्र
सूर्योदय २४५ शुद्धित ६
सुस्थि
१७
सुस्थितायाम् रोग चतुष्पदा ६९
२०३
९८
२८ ४
खुषा
सुतपचिः
* *
५८
स्वस्तिकागत
शूद्रक्षत्र
श्रुतविद्
५६
शुचीशील १९४
२३९
१८
आभू. ६५ सूत्रकृत
१ ५६
कर्माजीविन् १६१
"
१६०
शुक्तिका १७३ २३९
४१
शूद्र १०३ १०२-१०३ १३९ १६१
१०२-१०३
वैश्य १०३
५७ १६१
कर्माजीविन् १६०
शुद्धवसितिक
७
९१
९०
१३०-१३३
भाण्ड ६५.
शूर्पं १४२ सुप्रतिभानवान् ५६ सुभिक्षदुर्भिक्ष
७
१६२
द्वन्द्रयजन्तु २५०
गोत्र १५० क्षुद्रजन्तु २३८
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