Book Title: Angavijja
Author(s): Punyavijay, Vasudev S Agarwal, Dalsukh Malvania
Publisher: Prakrit Granth Parishad

View full book text
Previous | Next

Page 456
________________ बाहु هه له ل له له له مه णासा قه पस्स له قه له 20GSM-200GM0 له खंध مه له मेढ له चतुर्थ परिशिष्टम् ३४३ अगसंख्या भङ्गनाम सर्वसंख्या अङ्गसंख्या अङ्गनाम सर्वसंख्या अङ्गसंख्या अङ्गनाम सर्वसंख्या २० ब्राह्मणेय अंग पृ.१०१ ७२ शुक्लवर्णप्रतिभाग अंग पृ. १०३ . दंत १२८ पुरिम १६ वामप्राणहर अंग पृ. ११२ णख कण्ण मच्छि हितय गंड कण्ण थण कवोल संख दंत अक्खि गीवा हितय भुम खंध णाभि अक्खि कडि णिडाल संख ३ पांडुप्रतिभाग अंग पृ. १०४ संधि सिर अवंगभंतर तल बाहु अक्खिमभंतर १६ वामधनहर अंग पृ. ११२ १४ क्षत्रिय अंग पृ. १०१ १० स्निग्ध अंग पृ. १०५ हियय बाहुसंधि णासापुड कक्खा अंसपीठ हत्थ कपण बाहु ककाडिका जत्तु उर अक्खि थण मक्खिकण्ण थण संख हियय १० आहार अंग पृ. १०७ पाद पस्स चक्खु ३० शाखावाम अंग पृ. ११२ अंगुट घाण १४ वैश्येय अंग पृ. १०१ देहफरिस अंगुलि कुक्खिपस्स जिब्भा कडीपस्स हस्थ ११ शिव अंग पृ. ११३ उदर पाद णिडाल णिद्ध बाहु ११ स्थूल अंग पृ. ११३ वक्खण १०१ वस्थि १० नीहार अंग पृ. १०७ [वत्थि] सीस चक्खु सोत्त १० शूद्रेय अंग पृ. १०२ घाण पादंगुट्ठ देहफरिस थण पादंगुलि जिब्भा फिया गोष्फ ९ उपस्थूलअंग पृ. ११४ जंघा जंघा पादतल सीस गोप्फ مه له گه ........... له م पहि सोत्त ..GSONGS له बाल له مه له सीस مه ل भमुह अरु هه उर م له २१ सिर له له له له पाद .. له सिर Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487