Book Title: Angavijja
Author(s): Punyavijay, Vasudev S Agarwal, Dalsukh Malvania
Publisher: Prakrit Granth Parishad

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Page 480
________________ ३६७ सज्जा बंभ सयंभु पयावति बंभण बभरिसि बंभवत्थ बंभण्णु पियबंभण दिजाति दिजातिवसभ दिजातिपुंगव दिजाइपवर भोति । माणिणी मातुस्सा ओवातिका सामोवाता कालस्सामा कालका दिग्घमडहिया खुज्जमडहिया आयतमडहिया चतुरस्सा अंतेपुरिका अभोगकारिणी सयणपाली भंडाकारिकिणी तणुकी मझिमिका काणा नपुंसकएकार्थक पृष्ठ ७३ णपुंसक अपुल्स चिल्लिक सीतल पंडक वातिक उपल मणि सिलापट्ट गंडसेल गिरिक वहर मेरुक मरुभूतिक धुवक अचलित थावरक सिवणाम गुत्तणाम भव विप्प पञ्चमं परिशिष्टम् कमंडलु णीलुप्पल दब्भ पामेच्छा णेलकंठक मिसी मसी दंड आरिटुक जण्णोपइतक कण्हाल कृष्णवर्णएकार्थक कण्डमोयक पृष्ठ ९२ दृढएकार्थक कण्ह पृष्ठ ७८ नील हिमवंत कालक महाहिमवत असित णिसढ असितकिसिण रुप्पि हरित - मंदर अंजण कज्जल केलास रुपण वस्सधर भंग वेयड्ड खंजण अच्छदंत भिंगपत गवल विंझ सूगर कोकिला मलय गोपच्छेलक पारियत्त भमर मोरकंठ महेंद वायस चित्तकूड मातंग अंबासण मेवर अभव लवंत विप्परिसि विप्पवर जण्ण जण्णोकत जण्णकारि जण्णमुंड सोम थित उत्सवएकार्थक पृष्ठ ९८ उस्सय समास जण्ण छण अब्भुदय भोज मजणक पृष्ठ १२१ उस्सय समास विहि जण्ण छण लक्षण पृष्ठ १७३ वण्ण सर गति संठाण संघतण माण उम्माण सत्त आणुक पगति छाया सार अष्टानिमित्त पृ.१ अंग सर लक्खण वंजण सुविण छिण्ण (दिव्य) भोम्म अंतलिक्ख सज्झ सोमपा सोमपाइ मंत सोमणाम अग्गिहोत्त माहितग्गि अग्गिहोत्तहुत सुस्थित ठाणस्थित अकंप णिप्पकंप णिव्वर सुहत वामएकार्थक पृष्ठ ७६ वाम वामावह वामसील वामायार वामपक्ख वामदेस वामभाग वामतो अपवाम अपसव्व अवसव्व अप्पग्ध किलिम वेद संकर कुंभीपंडक इस्सापंडक पक्खापक्खि विक्ख मतिंग गय णग वेदज्झाइ वेदपारक चतुवेद वारिस पुश्वमास चतुम्मास पन्वत संद सिलोश्चय महिस बलाहक मेघ जलहर कण्हकराल कण्हतुलसी णरेतर पृष्ठ १०१ ब्राह्मणएकार्थक पितामह सिहरि चिति अग्गिचयणी पासाण पत्थर Jain Education Intemational Jain Education Intermational . For Private & Personal Use Only For Private & Perse www.jainelibrary.org

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