Book Title: Angavijja
Author(s): Punyavijay, Vasudev S Agarwal, Dalsukh Malvania
Publisher: Prakrit Granth Parishad

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Page 471
________________ ३५८ अंगविज्जामध्यगतानां विशिष्टवस्तुनाम्नां विभागशः सङ्ग्रहः मुदितारत थर्णतररत दिश्वरत माणुस्सरत तिरिक्खजोणियरत पुरिसरत थीरत णपुंसकरत . चुबितरत आलिंगितरत सेवणारत अभारिकपुरिसरत सभारिकपुरिसरत अपतिकथीरत सपतिकथीरत अणपत्तपुरुसरत वंझाथीरत दिव्वरत अच्छरारत देवरत णागकण्णारत णागरत किसरिरत किचररत पिसाईरत पिसायरत रक्ख सरत रक्खसीरत सुणिकारत (२३) रतविभाग : .. गंधब्वीरत णपुंसकरत वक्खावस्थद्ध उदुणीरत असुरकन्नारत विगतरत पृष्ठ १८५ अणुदुणीरत विस्सुयकित्तिरत असुररत अविगतरत. . . गुदेरत विसदारत पक्खातारत मतकपडिमारत पृष्ठ १८४ णाभिरत दुस्सीलारत दसणीयस्वसंपण्णारत पत्थिवपडिमारत उट्टितरत अद्धसंवुतारत सुगंधारत मुत्तिकापडिमारत उवविट्ठरत पाणिरत सभजारत 'इटुथीरत चित्तपडिमारत संविटुरत उवातारत परभजारत . भिउडीरत तिरिक्खजोणि- अवत्थद्धरत सामारत मित्तभजारत णिकाणितरत यरत दक्षिणपस्सरत कालिकारत रायपुरिसभारियारत खयरत सगुणिरत वामपस्सरत दीहारत परिचारिकारत णक्खपदरत कक्कडिरत उत्ताणरत रस्सारत : परूढणखकक्खरोमारत दैतखयरत टिटिभीरत णिकुज्जरत थूलारत अचिरपरूढणहरोमारत गीतरत पारेवतीरत ओणतरत किसारत सुपरिमजितणहकक्ख- हसितरत . . छिन्नगालिरत उब्भरत बालारत वत्थिसीसारत आहारितरत .. गोरत एक्कभग्गरत वयत्थारत पुथुउपधारत पुसुयरत महिसरत पसल्लियवेलुफालियरत मज्झिमारत संखित्तमगारत - सोणियओघायणरत अयेलकरत उत्ताणरत महब्वयारत परिमंडलभगारत सुहारत अस्सतरिरत उभयोसंविट्ट बंभणीरत चतुरस्समगारत पडियारत अद्धसंविट्ठ खत्तिकारत तसभगारत विवादरत वराहीरत एक्कापविट्ठ(छ) वेस्सीरत अमेखलारत रत्तिरत वलवारत पणतरत सुद्दीरत समेखलारत दिवारत उद्दीरत कडिगहित कसिगोरक्खभज्जारत कुमारिरत संझाकालरत गद्दभीरत चतुप्पद कारुकमज्जारत जुवतीरत पदोसरत गावीरत रधप्पयात .. . ववहारिभजारत उत्तानभगारत अवरपणरत महिसीरत उपविट्टरत पउत्थपतिकारत णिण्णभगारत मझतियरत माणुस्सरत सयणावस्थद्ध आवधवारत . . पसण्णारत अद्यरत्तरत थीरत आसणावस्थद्ध अवट्ठितारत कुद्वारत पञ्चूसरत पुरिसरत .. साहावत्थद्ध चलचित्तारत चित्तारत (२४)दोहदविभाग भरण्णगत सद्दगतदोहद धूपगत वाहणगत पक्खसंधीसु वत्त भूमिगत मणुस्ससहगत मल्लगत गहगत अब्भंतरपंचमीवत्त णगरगत पक्खिसद्दगत पुप्फगत वत्थगत परमपंचमीवत्त खधावारगत चतुप्पदसद्दगत फलगत आभरणगत अब्मंतर जुद्धगत पृष्ठ १७२ पत्तगत जाणगत दसमीवत्त किड्डागत परिसप्पसहगत .. आहारगत. समयदोहद परमदसमीवत्त पुप्फगत दिव्वघोसगत रसगतदोहद सरदे वत्त पायरासे बत्त . फलगत वादित्तघोसगत पाणगत घिम्हे वत्त पदोसे वत्त । महासरगत आभरणयोसगत भोयणगत पाउसे वत्त - मझंतिके वत्त । पुढविगत गंधगत दोहद खज्जगत . वासारते वत्त अड्डरते वत्त . पव्वतगत णाणगत लेज्झगत हेमंते वत्त अपरण्हे वत्त आरामगत अणुलेवणगत । फासगतदोहद वसंते वत्त भतिवत्तसद्दवत्त देवगत . अधिवासगत आसणगत सुक्पक्खे वत्त मणागतसद्दवत्त संगामगत. ...पघंसगत ...सयणगत . . कालपक्खे वत्त । वत्तमाणसद्दवत्त .. गंधब्वरत पृष्ठ १७१ रूवगतदोहद मणुस्सगत चतुप्पदगत पक्खिगत परिसप्पगत कीडकिविल्लगत पुप्फगत विद्धिगत णदीगत समुद्दगत तलावगत वापिगत षुक्खरणिगत Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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