Book Title: Angavijja
Author(s): Punyavijay, Vasudev S Agarwal, Dalsukh Malvania
Publisher: Prakrit Granth Parishad

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Page 438
________________ तृतीयं परिशिष्टम् अंगविज्जान्तर्गतानां प्राकृतधातुप्रयोगाणां सङ्ग्रहः धातुरूपम् पत्रम् १६९ ११ १६८ १७० १६९-१७१ . ८४ भकोडित सामंती मक्खारित अक्खोदित मग्यायते बग्घाहिति अवशीण अच्छाइत अच्छावण बच्छायित बलिहिते बझावए अजमेणणासित बनभियित १३०-१६८ १०८ १०८ १०८ १६-३८ १०० १९८ २१७ पत्रम् धातुरूपम् अपकड्डित्ता १४८ अपकड़िती १६९ अपक्खित्त ११८ अपछुद्ध २५१ . अपणत ८३-१०७ अपणामंत भपणामित अपणासण १३० अपणासित १९३ अपत्थद्ध १६८ अपमज्जित ८४ अपम? अपलिखित १४८ अपलोलित ३० अपवहित ११५ अपवत्त अपविट्ठ २३५ अपसारित अपहित अपंगुत १९३ अपावुर्णत भप्फालित अप्फोटित १ भन्भंगण ११ भन्भुकढित १०. अब्भुत्तिद्धति मन्भुस्थित भन्भुप्पवति ८. मभिजाणा ममिजिय ममिणदित १४. मभिणिहिसे १९९ अमिणिस्सित ५ अभिणीयमाण ५. अमिलिहिले १. अमिमट्ट १४ मिमिवंत १५ अमिवाहित पत्रम् धातुरूपम् १६९ अभिवंदहे अभिवंदिऊण अभिसंगत १६९-१७१ अमिसंथुत अमिहट्ट अलंकरमाण बलंकारेति १७१ अलंकारेहिते १४८ अलंकित १६९ मल्लीण अवकति अवकडित १७१-१७६ भवकरिसेंव १७१ भवकिण्ण १६९-१७१ १७१ अवक्खित्त अवचत १७१-२०० अवजेयमाण भवणामित १६९-१७१ अवणेत भवमट्ठ भवमाणित १४५ अवयर्खत १६९-२१५ अवलोकित अवलोणित १०६ अवलोयित १४. अवसांच १४५-१९८ अवसहित १४१ अवसक्रिय ४ अवसरित १९२ अवसारित १६८ अवस्सित १४ अर्वगुत १५२ गवाहणत १९८ बोकड ८९ मस्साएति १३. मस्सात १४ मस्सादेहिति १४ अस्सायेति अगवण बद्धरित पशुपबिट्ट अणुलित मणुलेवण अणुवक्खइस्सामि अणुवक्खाइस्सामि अणुवक्खामि मणोक्त बम्हेते बतिर्कत जातिगत अतिवच बतिसरित अविहरति २१५ १०८ १३० ००० २१५ १९४-२१७ b . १९८ १९८ २४५ ३८ पिबसिस्सति अचीवाण १०७ Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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