Book Title: Angavijja
Author(s): Punyavijay, Vasudev S Agarwal, Dalsukh Malvania
Publisher: Prakrit Granth Parishad

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Page 443
________________ पत्रम् २५५ १९३ १०८-१६८ ददुमण १६२-१७१ दलिय धातुरूपम् णिसुद्ध णिसेवति णिस्सरित णिस्ससति णिस्ससंत णिस्ससित णिस्संघति हिस्सारित णिस्सावित णिस्सित पिस्सिधित णिस्सिंघमाण णिस्सुंधित णिहित णीणित णीणीयमाण णीरकम णीहरति णीहरत णीहारेति णीहित णुमज्जु णूण १९८ १९८ १४८ १४५-१८४ १३५ १६८ २५५ १९८ १०८ १३६ १०८ अंगविजान्तर्गतानां प्राकृतधातुप्रयोगाणां सङ्ग्रहः . पत्रम् धातुरूपम् . पत्रम् धातुरूपम् १९७ पगलित १२३-१९७ थकित २४५ पगलेंत १०८-१६९ थक्केत ३८ पघंसण १०८-२४६ थणंत ३६ पसंत ३७-१३५ थभित १४८ पघातण १५५-१६८ थेग्विद्ध १४८ पचलायण पचलित ११७ पञ्चालंबिजमाण १७१ दलायते ८३ पञ्चालंबित ८० पच्छादित १७१-१८६ दस्सामो २३६ पच्छेलित दायते ८३ पच्छोलित दालित ८०-१४८ पजायति १११-१४८ दाहिति ८४-२३६ पजायते दिजिस्सति १७५ पजायिस्सति दिजिहिति २३६ पजाहिति १७१ दिस्सत ८ पजुवासंत दिस्सते ८३-१०८ पज्जोवत्त दिस्तहिति ८४ पडिओधुत दीसति ८७ पडिगमिस्ससि दुसिस्सति १७५ पडिच्छह देति १४८ ८३ पडिच्छित पडिछुद्ध धणित पडिणामित धमित पडिणायित धंत १६८ पडित धंसित १४८-१९७ पडिदिण्ण धावति पडिदिन १४८ पडिपिक्खिया धाहिति ८४ पडिबुज्झते ८०-१४८ पडिबुद्ध धूमायत २५४ पडिमुंडित धेत सं.हेय ३२ पडिलोलित १२१ ३८ पडिविक्खिज्ज पडिसरित १४८ ११ पडिसामिजमाण ८३ पडिसामित १४७ पडिसिद्ध ८०-१६९ पडिसेधित ११८ पकट्ठ २१५ पढिहरित पखलित २५४ पडिहारित १४८ पगलिन ८० पढति १६९ ६६-७९ १९७ २४७ १६९ १९२ २३६ १६८-१७० १६९-१७१ १७१ १६९ १२१-१६९ १७१ य णोल्लण णोल्लति १४८ ण्हाण ८० पहात ण्हाधिति पहायमाण ण्हाहिते धावित SR १७१ १६९ -२४६ धोवमाण निवेसए तच्छेमाण तणित तण्हाइत तरे तंडित तासित तिरिण तिलेमाण तुच्छित क्रिस्य तेणित ११८ निवेसेति १६९-१७१ १९८ २४५ १७१-१९८ १४८ १६९ पकिण्ण १६९ . २६० Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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