Book Title: Angavijja
Author(s): Punyavijay, Vasudev S Agarwal, Dalsukh Malvania
Publisher: Prakrit Granth Parishad
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बितरल परिशिष्टम्
प्रेस
पत्र
८८ सा १३६ साकरस
तोत्र
१९०
भोज्य
६४
१८४
१८६ साधुजुत्त
शब्द
पत्र
शब्द संदण वाहन १९३ संसरणगिह
१३८ सालयगय
स्वालयगत १८१ संदमाणिका यान ०२-१६६ संसरित क्रिया १४८ सालंकायण
गोत्र १५० संघाणिदसण सन्ध्यानिदर्शन १५५ संसावित
" १८६ सालाका
पक्षिणी ६९ संघावति क्रिया ८. संसिजमाण संशीयमान १९८ सालाकालिक
भोज्य १८२ संधिपाल कर्माजीविन् १५९ संहित
क्रिया ११५ सालाकी कर्माजीविन् १६१ संधिवाल
स्यात् ११-२२-३६-४७ सालि
धान्य १६४-२१९ संघी
२२. सालिका
जलवाहन १६६ संपत्रिका भाभू. १ साकिजा
१५. सालिभ
पशु २२७ संपडिपेक्खिचा सम्प्रतिप्रेक्ष्य
साखानगर १६१ सालिभजिय
भोज्य १८२ संपदा साम्प्रताः १८७ सागरस
२२१ सालिमालिणी देवता ६९ संपदाकालिय सागरोवम कालविशेष २६५ सालिया
पक्षिणी संपमिण्ण सम्प्रभिन्न १५४ साहक शाटक १८ सास
कर्ण आभू. १८३ संपवेदये सम्प्रवेदयेत् १४-१२६
साडक बाल १६९ सासक?
१४७ संपवेदेजो
"
वस्त्र ६५-१७० सासवकूर संपसस्सते सम्प्रशस्यते ३९ सातिक
मायाप्रकार २६३ सासवतेल
२३२ संपादेत सम्पादयत् ३८ सातिजित स्वादित १७० साहवो
साधवः संपावित सम्प्राप्त १७६ साधारणजोणि
१३९ साहाअवस्सितरत संवाधंतरातिमास
साधूयुक्त ४ साहाबामे
११२ द्वीन्द्रियजन्तु २६७ साधूणिज
साधुयोग्य ५ साहिक श्रीन्द्रियजन्तु २६७ संभिक
सापस्सत सापश्रय ३१ साहुसंपन्न
साधुसम्पन संमिनसोप सम्मिश्रोतस्-लब्धि ८ सामकण्हाणि
१९५ संभुषविजय संभूयविजय २००
सिकुत्थी
सर्पिणी सामकाल इयालक २१९ सामली
१५३ सिकुवलिका
प्राणी २३० बापजोणी माय
गोत्र १५० सामवेद
सिकवाली
सर्पिणी संसानजोणीको संलापयोनवः १० अलावदित
सामंत
५ सिगिला संलापवन्दित
सामन्त-समीप ३९ सामाग धान्य १७८ सिगिलि
प्राणी २३७ अंडावविधि
४१-१८ सामाणि ५७-१५३ सिग्गुकतेल्ल
२३२ संकावितविधिविसेस
सामाणिय देवता २०५ सिचकत
वन १४१ संकाविताणि ११-१
२४७ सामासवेलिका
सिजति
सीवति ५६ संलावियविहि
सिण्हक
वृक्ष ६३ संवच्छर कांजीविन् १६० सामिद्धि
सिता
स्यात् २८ संवत्तमणोरष संवृत्तमनोरथ १२१ सामेलक्ख कर्माजीविन् १६०
सितीय दे० निःश्रेण्याम् ३१-२३ संवलिका नकुलिकाविशेष १७८ सामोई सम्मुद् ४०-१११
सित्थामच्छक मत्स्यजाति २२८ संविवाणिया संविजानीयात् ३२ सामोवाताणि
६८-९१-१२८
सिद्ध संविताणक पुष्प ६४ सार
लक्षण १७३ सिद्धत्थिक
भाभू. १ संविविधी १. सारस्सत
देवता २०४ सिद्धत्यिका
भोज्य १४२ संविधाणक [सारा] सारो मझातो
सिद्धयात्र १५७ संविभावये संविभावयेत् १ सारिकोपकरण
सिप्पगिह शिल्पगृह १३५-१३० संविमट्ठाणि २२-१२१-१२६ साल
वृक्ष ६३ सिप्पपारगत कर्माजीविन् १६१ संबुद्धिका कृमि २३० सालका
पक्षिन् २३८ सिप्पिका द्वीन्द्रियजन्तु २६० संवेलित क्रिया ११५ सालफलरस
२३२ सिविका यान ७२-१४६-१९६-१९१ भंग०४१
Hain. s. si !! 1 titthalal
५७-९२ सिएणि?
"
१९३
२१३ सिद्धयत्त १३४
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