Book Title: Angavijja
Author(s): Punyavijay, Vasudev S Agarwal, Dalsukh Malvania
Publisher: Prakrit Granth Parishad

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Page 432
________________ द्वितीयं परिशिष्टम् पत्र पत्र शबरदेशजा ६८ १५३ १२८ सभण्डनोल्लाप? २०७ भोज्य ७ समयुञ्जन् (१) १५ समनिर्मुष्ट २३ समनुवर्तते समतिकान्त २५० परिपूर्ण ११४ ० समन्थनी ७२ १५४-१४५ समापयेत् १७१ सत्कृत ३७ सत्त सत्तक सत्तखुत्तो सत्तमिक शब्द शब्द सण्णिरोध सअंसूग साश्रुक ३५ सण्हमच्छ सक स्वक १२३ सण्हाणि सकड वाहन १६६ सत सकडचक्क शकटचक्र २४२ सतधोत सकडपट्टक ११६ सतपत्त सकडी वाहन ७२ , सकडीक ,७२--१६६ सतपदि सकपरका ५८ सतप्पाय सकलदसद वस्त्र १६३ सतवग्गे सकविगतगोत्त गोत्र १५० सतविसय सकस्स स्वकस्य २४ सतसहस्स सकाणि-णि ५८-१२८ सतसहस्सवग्गे सकित (कसित) गोत्र १४९ सता सकुचिका मत्स्यजाति २२८ सतीमता सकुणि पक्षिणी ६९ सतेरक सक्कत सक्कलिका भोज्य १८२ सगड शकट २६ सगडी सत्तर सगलिकारस २२१ सत्तरिवग्गा सगुण शकुन १४५ सत्तिवपण सगोत्ता सत्तुपिडि सञ्चपरिहार सत्थंधिवुत्था सज्ज वृक्ष ६३ सत्थाण सजलस रस २३२ सत्थावरण सज्जा शय्या १०१ सस्थिआयमणी सजिजमाण सज्यमान १९८ सत्थिक पर्वत ७८ सत्यिक सट्रि १२७ सट्ठिवग्गा सत्थिण्णा ? सडिका पक्षिणी ६९ सत्थिसंघातमंडल सडकभोयण श्राद्धभोजन १८० सदिवारित सढिक शढिक ६७ सहमणा सण गुल्मजाति ६३ सद्दया सणिच्छर शनैश्चर २१० सद्दा सणिचर ,,१०४-२१. सध्या सण्णाखंधावार सनस्कन्धावार १३९ सनिकासिय सण्णाहपट्टक ६४ सन्निवेस सण्णिकुहित क्रिया १५२ सप्पक सपिणरुद्ध " ११५ सप्फ शकटी शब्द सन्निरोध ३८ सबरी मत्स्यजाति ६३ सबल ५९-१२४-१२८ सबुद्धिरमणाणि १२७ सभंडणमुल्लक १०४ समखेत्ताणि पक्षिनाम ६२ समगिरेस? पुष्पजाति ६३ समगुण्हिक बहुपदा २२७ समजुंज त्रीन्द्रियजन्तु . २६७ समणिम्मट्ट ५९ समणुवत्तति शतभिषग २०८ समतिच्छिन समतुंब समयमंडल सदा समल्लिकंति स्मृतिमता २५ समंछणी सिक्कक समागमदार लक्षण समाणए समाणक्खराणि समाणयंतो सप्तकृत्वः १८४ समाणि समाणित १२७ समाधिअण समामट्ठा वृक्ष समाय सक्तुपिण्डी समारोधण देवता २२४ समालभणक संस्थान २१८ समास शस्त्रावरण २०१ समासज भाण्ड २५४ समासेयणक आसन ६५ समिज्झतु स्वस्तिक १४७ समिद्धजोक समिद्धविहि निपन्नप्रकार ५२ समज ११६ समुज्जत क्रिया २०० समुज्जग ५८-१२३ समुहकाक गोत्र १५० समुद्दकुमार उद्भिज २२९ समुद्दकुमारी ५८-१२३-१२८ समुहवल्ली सनिकासित ११५ समुद्दावक ? २०१ समुपलक्खिभ बाल १४५-१७० समुम्मट्ठ पुष्प ६३ समुस्सवण सम्मानयन् ३७ ५८-१२४-१२८ क्रिया १६८-१७० गोत्र सज्झ आभू. उत्सव १३-१४३-२२३ समारोहण १९३ क्रिया १७० उत्सव ९८-१२१ समासाद्य ५७ समासेचनक ९८ समिध्यताम् ११२ समृद्धयोग २४८ समृद्धविधि ९-१० समुद्यत (2) १५-३६ १४३ समर्जुक ३४ पक्षी २२५ देवता २२४ " २२४ वृक्षजाति समुपलक्ष्य १३ समुन्मृष्ट २२ समुत्सवन १९३ Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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