Book Title: Angavijja
Author(s): Punyavijay, Vasudev S Agarwal, Dalsukh Malvania
Publisher: Prakrit Granth Parishad

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Page 431
________________ ३१८ अंगविजाए सहकोसो पत्र वेधण १८३ विष्णु २२३ वैतालिक १४७ वेदिका १५२ वेदी १३६ वेदोपकरण २३९ वेदाध्यायिन् १०१ गोत्र १५० वस्त्र ६४ वैधव्य १९७ वैमनस्यात् ४३ गोत्र १५० वस्त्र ७१ कर्माजीविन् १६१ क्रिया. ८१ विडम्बयति ८३ भोज्य १८२ जलवाहन १६६ २२१ वृक्षजाति १४२ वेश्यागृह १३८ स्थानविशेष २२२ देवता २०४ वैशिक १६७ वेश्यागत २०८ ५७-१०३ ३३ विहक पर्वत अपि शब्द पत्र शब्द पत्र शब्द विभावेतूण विभाव्य ८६ विसतिथिका कर्माजीविन् १६१ वेण्हु विमट्ठ विमृष्ट २५ विसमाणि ५८-१२४-१२९ वेतालिक विमरिस विमर्ष ५७ विसलाइत विशलाकित? ८. वेतिया विमिलीसेलणालिक? ५ विसंधित क्रिया. १६८ वेती विमिसिंत दे० प्रकाशित ६ विसाणमत्तिका वर्णमृत्तिका २३३ वेतोपकरण विमुक्कायं विमुक्तायाम् २० विसाह विशाखा २२३ वेदज्झाइ वियडप्पकास विकटप्रकाश १३७ विसिण्ण विशीर्ण बेदपुट्ठ वियडसंवुडा ५९-१२८ विसेसक तिलकविशेष ६४ वियागरिज व्याकुर्यात् ७ विसेसकिया ओकुंतणक वेधच वियागरे ४२ विस्सस्थ विश्वस्त १४३ वेमणंसा वियाजिजमाण? क्रिया. १९८ विस्ससुद्द वेयाकरण वैश्यशूद्र १०३ वेलविक वियाणक वितानक ११७ विस्सुअ विश्रुत १९२ वियाणिज्जो विजानीयात् वेलबक २४ विस्सोदण भोज्य १७९ वेलंबित वियाणीया विहग १४७ वेलंबेति बियाणेज्जो १९६ विहि वेलातिक वियाणेय १६ विंझ विरुभति विरुणद्धि १९७ वी विरूढतरक ११८ वीजणी उपकरण २३० वेल्लरि विरोध विरुह ९ वीणा ___ वाद्य २३० वेल्लिका? विरोह " ९ वीयणी उपकरण २०५ चेसगिह विरोइंते विरोहति ( स० ए०) ३३ वीयणीया व्यजनिका १९८ वेसण विलका विलया-वनिता ६८-२०२ वीरल पक्षिनाम ६२-२३९ वेसमणकाइय विलंधित क्रिया. १४८ वीवाह १४५ वेसिक विलात वस्त्र १६३ वीस १२७ वेसियागत विलाल पशु २३८ वीसतिवग्गा ५९ वेसेजसुद्देज्जाणि विलालु " २२७ वीहि धान्य १६४ वेसेजाणि विलित वीडित ४५ वुक्खाधिउत्था देवता २२४ वेस्ल विलियंध वृक्ष ६३ वुख वृक्ष २२२ विलिंजरा पुष्प ७० वुट्ठिदार वेस्सखत्त विलेपिका भोज्य ६४-१७९-२४६ वुट्टिद्दार वेस्सजोणि विलोकंत विलोकयत् ४२ वुड्डजोणि १३९ वेस्सप्पकतिओ विल्लरी पक्षिणी ५९ वुप्पसुत्त कण्ठआभू. १६३ वेस्सबंभ बृंहित १४८ विवट्टणग वेस्सवण वेइया वेदिका ३१ विवरा ५८-१२४-१२९ वेस्सेयाणि वेइल्लपुष्फिका विचकिलपुष्पिका १०४ विवाडित वस्त्र १६३ वेस्सोसण्ण वेकच्छग आभू. ६५ विवाडेंत विपादयत् १४४ वेकंतकलोह वेहायस धातु २४८ विवाडेती विपादयती वेजयंती वृक्षजाति ७०-१४६ विवादजोणि पुष्प ७० वोकसित विवाह उत्सव २२३ वेटण वेष्टन १३४-२४२ वोक्कितक विविय ? क्रिया. १९१ वेडसी वृक्ष ७० वोमीक विवेक्खित विप्रेक्षित २०५ वेढक आभू. ६५-११६ वोसट्टमाण १२१ ७८ वेल ३० वेलमय वैश्य १०२ द्वेष्य १२०-२५३ वैश्यात्र १०२ १४६ १४४. भाण्ड १९३ वूहित १०२ देवता २०५ १०२ वेंटक १३९ १९२ अङ्गुलिआभू. १६३ व्यपकृष्ट १४८ भोज्य १८२ सर्पिणी ६९ विकसत् १४८ Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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