Book Title: Angavijja
Author(s): Punyavijay, Vasudev S Agarwal, Dalsukh Malvania
Publisher: Prakrit Granth Parishad
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द्वितीय परिशिष्टम्
३१३
मुत्तिक
युक्ताध्ये
"
६८ योगवाहा ५८ योग्गायरिय
१५९
मेरा
१३० मेलक्खु
५८-१२२ रनक
रण्ण
रण्हक
वाद्य २३० मोरेंडक
मुरुव
मुरुंब
१४२
शब्द
पत्र शब्द
शब्द
पत्र मौक्तिक २१५ मेचक
वर्ण १०४-१६४ युत्तग्धम्हि भाण्ड २२१ मेजक पक्षी १४५-२३८ युजइ
युनक्ति १३ मुत्तिका पडिमा मृत्प्रतिमा १८३ मेदित
पुष्ट ११४ यूथिकातेल्ल
२३२ मुत्तोली प्राणिविशेष २५३ मेधुण ?
१५५ मुदितजोणि
१३९ मेयकवण्णपडिभाग मुदितसाधारथूभ २२२ मेरक
सुरा ६४ मुदिताणि ५८-१२१.१२८ मर्यादा २४१ रकिगत
भाण्ड २१४ मुदितामास
म्लेच्छ २६३ रच्छागिह
रथ्यागृह १३६ मुद्दिका आभू. ११६ मो पादपूरणे २५६ रच्छाभि(भ)त्ति
भोज्य ७१ भाण्ड ७२
मोक्ख मुहियाणि-णिं
१२५-१२९ मोक्खजोणि
आरण्य १७९ मुद्दीगा द्राक्षाफल २३८ मोगरग
रणजोणि
अरण्ययोनि १४०
पुष्प ६३ मुद्देयक अकलिआभू. १६३ मोगल्ल
रजुविशेष ११५
गोत्र १५० मुधुलूक
पक्षी मोघविखद्धित
क्रिया, १४८
रतीसंपयुत्त मुम्मुलक कृमिजाति
रत्त
- वर्ण १०४ मोदक
भोज्य १८२ मुयंग मृदङ्ग ४१ मोरकंठ
रत्तकंठक
गुल्मजाति ६३
९२ मुरव
रत्तक्खारमणि
भाभू. १६२ भोज्य १४२ मृत्तिका २३३
रत्तणिप्फाव धान्य १६५-२३२ मोलि
सर्प २३९
रत्ततिल मोहणक
१७० मुसल
रत्तनामाध्यावं
१५० मोहणगिह मोहनगृह १३६ मुहफलक मुखआभू. ६४
रत्तरजक
कर्माजीविन् १६० मुहवासक १८३
रत्तवण्णपडीभाग मुहातिमास
१८६ यगिक याज्ञिक (1) ५ रत्तवीही
धान्य १६४ मुंगसी
गोत्र १५० चतुष्पदा यजुम्वेद
रत्तसालि
" १६४ यणाणा मुंचंत मुञ्चत्
रध
वाहन १४६-१६६ भाण्ड ६५ यणिक
" १५० रधकार
कर्माजीविन् १६० मुंडलोह
धातु यण्णेज्जामास
स्थगृह १३६
यात्राप्रवहण मुंदिका मृद्वीका फल
यत्तप्पवण ७
रधजातरत
रथजातरत १८४ मूलकतेल्ल
यत्नानुयल १४८ रधणेमिघोस
ध्वनि १७३ यदाण कर्माजीविन् १६
यदाज्ञक मूलकम्म
रधप्पयातकरत
यथालाभ २५६ मूलक्खाणक
रथसालाय रथशालायाम् १३८ यथोक्ताभिः १८८-२१५ रभस्सं
रहस्यम् १. यमगामास
२१९ मूलजोणि ३२-४८-१३२-१४०
रमणिजाणि
११८ यमा
१५३-१५५ मूलजोणिसमुत्थित
रमणीयाणि
५८-१२४-१२८ यव
१६४-१८१ मूलजोणीमय १६२
रयक कर्माजीवी-रजक १६० यसवतो
यशस्वतः १३० मूलवाणिय कर्माजीविन् १६
रयणकलावग
भाभू. ६५ यस्स
यस्य ४६ मूलामास
२५ यस्सक?
१४७ रयणगिह
रवगृह १३७ मूलिक कर्माजीविन् १६० यागहरण
१४७ रयतगिह
रजतगृह १३६ मेखल आभू. १ याचितक क्रिया. १६६ रययमासम
सिकक ६६ मेखलिका कटीआभू. १६३ याण
यान २६ रयितपुच्व मेघडयकायण? क्रिया. १८६ याणुस्सय
यानोत्सव ४. रस मेघडंतीय
९ याव यावत् २४९ रसजोणि
१४० अंग०४०
१५०
मुंडक
यज्ञेयामर्ष १४८ रधगिह
२४४
२३२ यत्ताणुयत्त
१८
" १६०-१६१ यधलाभ गोत्र १५० यधुत्ताहिं
मूलगोत्त
०००
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