Book Title: Angavijja
Author(s): Punyavijay, Vasudev S Agarwal, Dalsukh Malvania
Publisher: Prakrit Granth Parishad

View full book text
Previous | Next

Page 427
________________ अंगविजाए सइकोसो पत्र १७७ रातण शब्द शब्द रसणा आभू. १ रिद्धिपत्त रसदव्वी भाण्ड १९३ रिसिमंडल रसधातुगत १३३ रिंगमाणक रसायते क्रिया. १०७ रुक्खजोणि रसाल भोज्य ७१ रुखफल रसालादहि " २२० रुक्खामास रसेजा ५८ रुगण ? रसेया १२३-१२८ रुचक रसोतीगिह रसवतीगृह १३६ रुचिका रस्स हस्व १९१ रुचिकातेल्ल रहस्स गोत्र १५० रुट्राणि रहस्सपडलो अज्झाओ १८६ रुपण रंगावचर नाटकपात्र १६०-१९१ रुणारुत रंधणक रन्धनक २४९ रुदित रंधित क्रिया. १४८ रुदितविधि राइण्ण सर्प २१८ रुदिताणि वीसं राजपोरुस राजपुरुष १९१ रुद्दा राजमहोरक स्थल-जलचर २२७ रुधिचीक ? राजादन-फल २३८ रुप्पमय राते राति १०७ रुप्पियमास रातोवरोधम्मि राजोपरोधे २५८ रुप्पी रामायण ग्रन्थ २४८ रुरु रायजोणि १३९ रूवपक्खर रायण्ण राजन्य ३ रुवाकड रायधाणी राजधानी १६१-२०१ रूविभग रायपध राजपथ १३७ रूवेया रायपुरिसजोणि १३९ रेचित रायपोरिस कर्माजीविन् १५९ रोगमणाणि रायप्पसात राजप्रसाद रायब्भंतर राजाभ्यन्तर ८५ रोहणिक रायमग्गसमासु रच्छासु २१४ रोहिणिक रायविज्जा १४३ रोहिणिक रायसस्सव धान्य १६४ रोहित रायसासव " २२० , रायाणं राजाज्ञाम् २५८ रोहिती रायाणुपायजोणि १३९ रायिणं राज्ञाम् २१३ लइत रायिमंत सर्पविशेष २२७ लउच रायो पज्जायपत्ति राज्ञः पर्यायपनी ६८ लउसु रालक धान्य १६४-२२० लक ? रिकिसिक पक्षी ६२-२३८ लकड रिट्ठक वृक्ष ६३ लकुच पत्र शब्द ऋद्धिप्राप्त ८ लकुचि वृक्ष ६३ ११५ लकुल रित् २५९ लक्षण लक्षण १-२ ७० लक्खणो अज्झायो १७३ लक्खये लक्षयेत् १९७ १३० लतागिह लतागृह १३८ ९२ लतादेवता देवता २०६ हस्ताभू. १६३ लतालट्टि वृक्षजाति ७० वृक्षजाति ७० लद्धामास १९९ २३२ लभित्ताणं लब्ध्वा १९७ १२९ लयित लगित २०० रुदित ४३-१५५ लवंगपुप्फ पुष्प ६३ रुदितारुदित ३४ लसिया पूय १७७ क्रिया. १६८ लंका अङ्ग ६६ ९-१० लंखक कर्माजीविन् १६५ ११-४२ लंवा(चा)पलि वृक्षजाति ७० ५९ लाउल्लोपिक लगितोल्लोपिक १८३ १५५ लाउलोयिक लायितोल्लोचित १८३-२१० आभू. १६२ लाजिका? ६८ २३९ लाडी लाटदेशजा ६८ पुष्प? १०४ चतुष्पद ६२ लाभद्दारं अज्झायं १४४ कर्माजीविन् १६१ लाविका पक्षिणी ६९ क्रिया. १६८ लासक कर्माजीविन् १६१ धातु २३३ लासित क्रिया. ८१ कृमि २३० क्रिया. १४८ लिंगिच्छी वृक्षजाति ७० ५९-१२५--१२९ लुक्खणिद्ध वर्ण १०५ लोट्ट १०६ लुक्खणिद्धाणि ५८-१०६-१२८ श्रीन्द्रियजन्तु २६७ लुक्खलुक्खाणि ५८-१०६-१२८ क्षुद्रजन्तु २२९ लक्खवण्णपडिभाग पक्षी २२५ लुक्खाणि ५८-१०६-१२५-१२८ रोझ-गवय ६२ लुक्खामास १६८ मत्स्यजाति २२८ लुचित क्रिया. १३०-१४८ चतुष्पद ६९ लुता कृमिजाति ७० लुलितप्पसादित क्रिया. १४८ लगित १९८ लेखक कर्माजीविन् १६० फल २३१ लेखा वस्त्र ७१ " २३८ लेज्झ लेह्य १४३ ११६ लेज्झगत दोहदप्रकार १७२ आभू. ७१ लेज्झचुण्ण लेह्यचूर्ण १८२ वृक्ष ६३ लेवणगिह लेपनगृह १३८ पर्वत ७८ लाणी ५८ लिच्छा Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487