Book Title: Angavijja
Author(s): Punyavijay, Vasudev S Agarwal, Dalsukh Malvania
Publisher: Prakrit Granth Parishad
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द्वितीय परिशिष्टम्
३०५
शब्द
१९८ पतिजे?
शयन
६५ पतुज्ज
१८१ पमुच्छित
शब्द पत्र
शब्द पडिबुद्ध प्रतिबुद्ध १७१ पण्णाधिग
प्रज्ञाधिक ५७ पद्मतिलक तिलकप्रकार २६ पडिमविधि ९-१० पण्णायिक गोत्र १५० पद्रव
प्रदेशविशेष १६७ पडिमुंडित प्रतिमुण्डित १७१ पण्णास-पण्णत्तरिवस्ससाधारणाणि ५७ पधकलीतेल्ल पडियाणि भट्ट
पणिक
कर्माजीविन् १६० पधवावत पथग्यात १५९ पडिलोलित प्रतिलोलित १६९-१७१ पण्णेलिका प्रणालिका ११६ पधावति
प्रधावति पडिज्मक उत्सव ९८ पण्हु
पाण्डु २१८ पधिकणिलय पथिकनिलय २५० पडिविक्खिज प्रतिप्रेक्षेत १३ पतज्जण??
४५ पधित
प्रहित १९१ पडिवेसघर प्रतिवेश्मगृह २२० पतिआरक्ख
प्रत्यारक्ष १५९ पधोवंत
प्रधावयत् ३९ परिसराखारमणी कण्ठआभू. १६३ पतिगिण्हती प्रतिगृण्हती १६९ पपुटु प्रपुष्ट प्रपृष्ट प्रस्पृष्ट १३० पडिसरित प्रतिसृत १९९-१७१ पतिग्गह
पतिग्रह १६८ पपुत पहिसामिजमाण?
प्रतिज्येष्ठ २१९ पप्पड
भोज्य १८२ पडिसायण प्रतिशातन ११
पतिट्ठाण प्रतिष्ठान ३१ पप्परूव
प्राप्यरूप १५३ परिसिद्ध प्रतिषिद्ध १६९-१७१
पतिहारक कर्माजीविन् १६. पप्फडित
प्रस्फटित १७१ पडिसेन्जक
वस्त्र १६३ पप्फोडित
प्रस्फोटित १६९ पडिसेधित प्रतिषेधित १४८
पते पतेत् ४५ पब्मट्ठ
प्रभ्रष्ट १६९-१७१ पडिहारक प्रतिहारक ७९
भोज्य ६४ पमजितापम? प्रमार्जितापमृष्ट २३ पडिहारित प्रतिहारित १६९-१७१
पत्तगत दोहदप्रकार १७२ पमदार्य
प्रमदायाम् २९ पडिहारी
प्रतिहारी ८८ पत्तभजित भोज्य १८२ पमह |
योग २०९ पढमकप्पिगो प्रथमकल्पिकः ८२ पत्तभंड
भाण्ड ६५ पमिलात
प्रम्लान २०३ पढमिल्लक प्रथमक २५९ पत्तमय आभू. १६२ पमुक्क
प्रमुक्त १६९ पणतालीस पञ्चचत्वारिंशत् १२७ पत्तरस
प्रमूछित १६९-१७१ पणतालीसतिवग्गा
पत्तहारक त्रीन्द्रियजन्तु २६७ पमुटु
प्रमृष्ट १७१ पणतीस
पतंग १२७ वर्णमृत्तिका २३३
क्रिया. १३. पणतीसतिवग्गा
पत्तवेल्लि ५९ भोज्य
प्रमुखक ७१ पमुहम
१६ पणत्तिणी प्रनप्तृका ६८ पत्ति
भाण्ड ७२
क्रिया. २१५ पणवमझ पणवमध्य २५७ पत्तुण्ण
वस्त्र १४२-१६१ पम्हुट्ठ
प्रस्मृत १३०-१३९-१६९ पणस वृक्ष ६३ भाण्ड २३० पम्हुत
१७१ प्रत्येकशः २१५ पयणु
प्रतनु ११७ पणसक भाण्ड ६५ पत्तेगपुप्फ
१७७
पयलाइतविभासा पडलं नकुलिका प्रकार २२१ पत्थरिय
प्रस्तृत ११० पयलाइताणि
४६-१२९ पणाली प्रणाली ३२-३३-२२२ पत्थारइत्तु
पयलायमाण प्रचलायमान ४४-१३५
पयलायत पणितगिह पणितगृह १३६-१३८ पत्थित
प्रस्थित १९१
३७ प्रणिपतेत् पणिवते
पयादार ५६ पत्थिवपडिमा पार्थिवप्रतिमा १८३
१४४-१४५
पयाविसुद्धी अज्झाय प्रणुवीसक
१२७ पत्थीणाई ५९-१२४-१२९
१६८ पणुवीसतिवग्गा
५९ पत्थुत
प्रस्तृत ११६ पयुका
आभू. ७१ पणुवीसपण्णासवस्ससाधारणाणि
पदक्कमणक
उत्सव ९७ पयुमक
उद्भिज्ज २२९ पणुवीसवस्सप्पमाणाणि
पदग्गाह
पदग्राह १४४
पयुमरत्तक पण्णत्तरिवस्सप्पमाणाणि
पदबुद्धी
पदबुद्धि ८
पयोजमिस्सामि प्रयोजयिष्यामि । पण्णत्तरिवस्ससतसाधारणाणि
पदुम पद्म ३९-६३ फ्रका
५८-१२३-१२९ पण्णरस
१२७ स्थल-जलचर २२७
१३०.१४४-१४६-१६८ पण्णरसवग्गा
पदुमक
वर्ण १०५ परग्बतरक पराय॑तरक १६ पण्णवोद्दल दे. पर्णगठरिका ३०
पतेत् ५५ परमम्हि
परावें १६ पण्णा प्रज्ञा ९ पदोलि
प्रतोली २०० परोल्लणा परनोदना अंग०३९
पमुत्त?
पम्मुन?
फल २३१ पत्तेकसो
प्रस्तार्य
पदे
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