Book Title: Angavijja
Author(s): Punyavijay, Vasudev S Agarwal, Dalsukh Malvania
Publisher: Prakrit Granth Parishad
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द्वितीयं परिशिष्टम्
२०१ उस्साहिया
ओछुद्ध
११२
१५०
शब्द
पत्र शब्द
पत्र
शब्द उवथूलाणि
५८-११४-१२८ उस्सयभोयण उत्सवभोजन १८० ओकुंभ ? आलिङ्गितानि १३८ उस्सव
उत्सव २२३ ओकूणंत
अवकूणत् ४२ उवहित? क्रिया. १४८ उस्सात ऊष्मान्त १५१ ओगूढ
अवगूढ ८६ उवहुत उपद्रुत ५८-१२२ उस्सारित उत्सारित १९५ ओघट्ट
अवघट्ट १४७ उवहुतामास
उच्छाखिका २२२ ओघट्टित
अवघट्टित १४८ उवहुतो अज्झायो २०२-२०४
उस्सित उच्छ्रित १३२-१७० ओचक्खति?
क्रिया. ८३ उस्सिघण
आघ्राण १९३ ओचलक उवधाइणि ?
शीर्षआभू. १६२ उस्सिधित आघ्रात १४८-१८६ उवधारए उपधारयेत् १०
अवक्षिप्त १६९ उस्सीस
उच्छीर्ष उवधि उपधि-माया २६५
ओझीण
अपक्षीण ११४ उंगुणी
वृक्षजाति उवप्फरिसते उपस्पृशति १०७
ओड्डु
कर्माजीविन् १६५ उंडणाही
क्षुदजन्तु २२९ उवलक्खये उपलक्षयेत् १९७
ओणत अवनत ३३-४२-१६९-१७१ उवलगिह उपलगृह १३७ ऊरुजालक
आभू. ओणमंत
अवनमत् ४२-१३५ उवलद्ध
उपलब्ध १७० ऊहस्सित
ओणामित अवनामित १६९-१७१-१८४ उवलेवमंडल
ओणिपीलित अवनिपीडित १४८ उववत्तिविजयो अज्झायो
२६४ ऋरिकसुत्त
ओतारिअ
अवतारित १६९ उववसित उपोषित १९३
ओतारित
" १७१ उवविट्ठविहि उपविष्टविधि ९-१०-११-१३
देवता २०५
ओतिण्ण एकणासा
अवतीर्ण ३३-१७१ उववित्त एकभस्स एकभाष्य-एकवचन १५१
ओतिण्णोतारित क्रिया. १११ उववुत्त
उपवृत्त १०० एकवेद
गोत्र ओदणपिंडी
भोज्य ७१ उवसर्फत उपवष्कमाण ३७-१३५
एकाणंसा
देवता २२३
ओदनिक कर्माजीविन् १६० उवसक्किम उपष्वष्कित १६
एकावलिका
७१ उवसकिअम्हि उपष्वष्किते १७
एक्ककाणि
५९ ओधावति
अवधावति ८० उवसक्कित उपवष्कित १८४-१९३
एक्कग्गमणता एकाग्रमनस्कता १३५ ओधिगिह
उपधिगृह १३६ उवहित
उपहित २०२ एक्कभस्स
एकवचन १५७ ओधिजिण अवधिजिन उवाताणुत्तमाणि
१२८ एक्कसिरीय एकसरिक १४१ ओधुत
अवधुत ८०-१४८ उवादिण्ण
उपादत्त २१७ एक्कापविट्ठरत १८४ ओपणिन्वय
क्रिया. १९५ उवे?
उपविष्ट १८४ एक्वेक एकैक १२६ ओपविका
क्षुद्रजन्तु २२९ उसंत
उपविशत् १३५
एगपादट्टि एकपादस्थित ३३ ओपुप्फ उब्वट्टण
उद्वर्तन १९३ एण
एतं ५६-११४ ओपेसेजिक कर्माजिविन् १६० उब्वरक अपवरक १९५-२२०
एतया २३६ ओबाधित उव्वरित
उद्वरित
एताय १११
अवबाधित १४३ एतेषाम् १४५ ओम
अवम ३३ उन्वलित
उद्वलित १०६ व उज्वलंत
अपमार्जित १२०-२१९ एतेषाम् ७३-१४१ ओमजित
देहली २३३ ओमत्थकाणि उद्वात १२२ एलुक उन्यात उब्वेल्लित उद्वेल्लित १०८ एलुय
" २२२ ओमस्थित अधोमुखीकृत १७१-२१५ उद्वैहासिक उब्वेहासित १४८ " ५-३३ ओमथित
अवमथित १६९ उसणीतेल
२३२ एसकल्लाण एष्यत्कल्याण ८३ ओमहित
अवमर्दित १६३ उसधतेल्ल २३२
ओमुक
अवमुक्त १६२ उसमक आभू. ६४ ओकट्ठ
अवकृष्ट १६ ओमुक्क
भवमुक्त १६९-१७१ उसिण उष्ण १२४ ओकट्टित "१७१-१९५ ओमुंचमाण
भवमुञ्चत् ३८ उस्सो उत्सवः ९८ ओकड्डित
" १६९ ओयकार कर्माजीविन् १६१ उस्सणिकामत्त कर्माजीविन् १६० ओकासक कर्णाभू. १६२ ओयमा
गोत्र १५० अंग०३७
आभू.
ओदीवसिह
एतेसं
उद्बलत्
३८ एतेसां
१२९
एलूग
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