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समर्पण
मिनका केशालुचन महान् साधुत्व का प्रतिनिधित्व करता है." जिनकी प्रशान्त-मुखमुद्रा कषायलुंचन की याद दिलाती है जिनके कमल की पंखुड़ी जैसे नेत्र कामलुचन के प्रतीक बने हैं. जिनके के अधर के आस-पास मधुर-साहजिक स्मित कृत्रिमता-लुंचन का सूचक है जिनका योगि-सहन सरल व्यक्तित्व कपटलुचन दिखाता है।" उन महान अध्यात्मयोगी प्रगुरुदेव श्रीकलापूर्ण सूटी मी के कर कमलों में सानन्द
समर्पण
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करता
हुआ जाय
"योगि बाल" आत्म दर्शन विमय
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