Book Title: Anant Akash me Author(s): Atmadarshanvijay Publisher: Diwakar Prakashan View full book textPage 3
________________ 1. Aasethalal भाला 2212 -10-01-199g| ॥ वन्दे वीरम् ॥ राय 1-286 ऐतिहासिक और शास्त्रीय घटनाओं द्वारा अंधकारमय मानव जीवन में, अद्भुत आशा का प्रकाश फैलाने वाली एवं आत्मा की गहराई में बेधक दृष्टिपात करने को आह्वान देने वाली सचित्र पुस्तक 10393 16-07-18 अनन्त आकाश में आधार ग्रन्थ महोपाध्याय श्री भावविजय गणिकृत-वृत्ति समेत श्री उत्तराध्ययन सूत्र 3D शुभाशिष * आध्यात्म योगी आचार्य देव श्री विजयकलापूर्ण सूरीश्वरजी महाराज* *अनन्य-उपकारी पूज्य गुरुदेव श्री आनन्द वर्धन विजयमी महाराज * लेखक मुनिश्री आत्मदर्शन विजय Jain Education International For Private & Personal use only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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