Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 02
Author(s): Bechardas Doshi, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
View full book text ________________
सु० ३७-४९] तिरिक्खजोणिओववज्जतेसु मणुस्सेसु उववायाइदाराई ९५३ रिक्ख० उववजित्तए से णं भंते! केवति० १ गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्त०, उक्कोसेणं तिपलिओक्मद्वितीएसु उवव०।
४४. ते णं भंते !०१ लद्धी से जहा एयस्सेव सन्निमणुस्सस्स पुढविकाइएसु उववजमाणस्स पढमगमए जाव भवादेसो ति। कालाएसेणं जहन्नेणं दो अंतोमुहुत्ता, उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाइं पुव्वकोडिपुहत्तमब्भहियाई । [पढमो ५ गमओ।
४५. सो चेव जहन्नकालहितीएसु उववन्नो, एस चेव वत्तन्वया, नवरं कालाएसेणं जहन्नेणं दो अंतोमुहुत्ता, उक्कोसेणं चत्तारि पुन्वकोडीओ चउहिं अंतोमुहुत्तेहिं अब्भहियाओ। [बीओ गमओ] ।
४६. सो चेव उक्कोसकालद्वितीएसु उववन्नो, जहन्नेणं तिपलिओवमट्ठि १० ईएसु, उक्कोसेण वि तिपलिओवमट्टिईएसु। एसा चेव वत्तव्वया, नवरं ओगाहणा जहन्नेणं अंगुलपुहत्तं, उक्कोसेणं पंच धणुसयाई। ठिती जहन्नेणं मासपुहत्तं, उक्कोसेणं पुन्वकोडी। एवं अणुबंधो वि। भवादेसेणं दो भवग्गहणाई। कालादेसेणं जहन्नेणं तिण्णि पलिओवमाइं मासपुहत्तमब्महियाई, उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाई पुव्वकोडीए अमहियाई; एवतियं० । [तइओ गमओ]। १५
४७. सो चेव अप्पणा जहन्नकालद्वितीओ जाओ, जहा सन्निस्स पंचेंदियतिरिक्खजोणियस्स पंचेंदियतिरिक्खजोणिएसु उववज्जमाणस्स मज्झिमेसु तिसु गमएसु वत्तव्वया भणिया सच्चेव एतस्स वि मज्झिमेसु तिसु गमएसु निरवसेसा भाणियव्वा, नवरं परिमाणं उक्कोसेणं संखेजा उववजंति। सेसं तं चेव। [४-६ गमगा]।
४८. सो चेव अप्पणा उक्कोसकालद्वितीओ जाओ, सच्चेव पढमगमगवत्तव्वया, नवरं ओगाहणा जहन्नेणं पंच धणुसयाई, उक्कोसेण वि पंच धणुसयाई। ठिती अणुबंधो जहन्नेणं पुव्वकोडी, उक्कोसेण वि पुव्वकोडी। सेसं तहेव जाव भवाएसो ति। कालादेसेणं जहन्नेणं पुन्वकोडी अंतोमुहुत्तमन्भहिया, उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाई पुवकोडिपुहत्तममहियाई; एवतियं० । [सत्तमो गमओ]। २५
४९. सो चेव जहन्नकालद्वितीएसु उववन्नो, एसा चेव वत्तव्वया, नवरं कालाएसेणं जहन्नेणं पुव्वकोडी अंतोमुहुत्तममहिया, उक्कोसेणं चत्तारि पुवकोडीओ चउहिं अंतोमुहुत्तेहिं अब्भहियाओ। [अट्ठमो गमओ] ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Loading... Page Navigation 1 ... 556 557 558 559 560 561 562 563 564 565 566 567 568 569 570 571 572 573 574 575 576 577 578 579 580 581 582 583 584 585 586 587 588 589 590 591 592 593 594 595 596 597 598 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639 640 641 642 643 644 645 646 647 648 649 650 651 652 653 654 655 656 657 658 659 660 661 662 663 664 665 666 667 668 669 670 671 672 673 674 675 676 677 678 679