Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 02
Author(s): Bechardas Doshi, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 606
________________ १००१ सु० १२२-४४] परमाणुपोग्गलाईसु जुम्मभेयपरूवणं १३०. परमाणुपोग्गले णं भंते ! पदेसट्टयाए किं कडजुम्मे० पुच्छा। गोयमा ! नो कडजुम्मे, नो तेयोगे, नो दावर०, कलियोए। १३१. दुपएसिए पुच्छा। गोयमा ! नो कड०, नो तेयोए, दावर०, नो कलियोगे। १३२. तिपएसिए पुच्छा। गोयमा ! नो कडजुम्मे, तेयोए, नो दावर०, ५ नो कलियोए। १३३. चउप्पएसिए पुच्छा। गोयमा ! कडजुम्मे, नो तेयोए, नो दावर०, नो कलियोए। १३४. पंचपदेसिए जहा परमाणुपोग्गले। १३५. छप्पदेसिए जहा दुपदेसिए। १३६. सत्तपदेसिए जहा तिपदेसिए। १३७. अट्ठपएसिए जहा चउपदेसिए। १३८. नवपदेसिए जहा परमाणुपोग्गले । १३९. दसपदेसिए जहा दुपदेसिए । १४०. खेजपएसिए णं भंते ! पोग्गले० पुच्छा। गोयमा ! सिय १५ कडजुम्मे, जाव सिय कलियोगे। १४१. एवं असंखेजपदेसिए वि, अणंतपदेसिए वि । १४२. परमाणुपोग्गला णं भंते ! पएसद्वृताए किं कड० पुच्छा । गोयमा ! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मा जाव सिय कलियोगा; विहाणादेसेणं नो कडजुम्मा, नो तेयोया, नो दावर०, कलियोगा। १४३. दुप्पएसिया णं० पुच्छा । गोयमा ! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मा, नो तेयोया, सिय दावरजुम्मा, नो कलियोगा; विहाणादेसेणं नो कडजुम्मा, नो तेयोया, दावरजुम्मा, नो कलियोगा। १४४. तिपएसिया णं० पुच्छा । गोयमा ! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मा जाव सिय कलियोगा; विहाणादेसेणं नो कडजुम्मा, तेयोगा, नो दावरजुम्मा, नो २५ कलियोगा। . २० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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