Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 02
Author(s): Bechardas Doshi, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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सु० ११२-३०] नियंठभेएसु १६-१७-१८ जोग-उवओग-कसायदाराई १०३१
१२०. सिणाए णं० पुच्छा। गोयमा ! सजोगी वा होज्जा, अजोगी वा होजा।
१२१. जदि सजोगी होजा किं मणजोगी होज्जा० १ सेसं जहा पुलागस्स । [दारं १६]। [सु. १२२-२३. सत्तरसमं उवओगदारं-पंचविहनियंठेसु उवओगपरूवणं] ५
१२२. पुलाए णं भंते ! किं सागारोवउत्ते होज्जा, अणागारोवउत्ते होन्जा १ गोयमा ! सागारोवउत्ते वा होजा, अणागारोवउत्ते वा होज्जा । ___ १२३. एवं जाव सिणाए । [दारं १७]। [सु. १२४-३२. अट्ठारसमं कसायदारं-पंचविहनियंठेसु कसायपरूवणं]
१२४. पुलाए णं भते! किं सकसोयी होजा, अकसोयी होजा? १० गोयमा! सकसायी होजा, नो अकसोयी होज्जा। .
१२५. जइ सकसायी से णं भंते ! कतिसु कसाएसु होजा? गोयमा ! चउसु, कोह-माण-माया-लोभेसु होज्जा ।
१२६. एवं बउसे वि। १२७. एवं पडिसेवणाकुसीले वि।
१२८. कसायकुसीले णं० पुच्छा। गोयमा ! सकसोयी होजा, नो अकसोयी होजा।
१२९. जति सकसायी होज्जा से णं भंते ! कतिसु कसाएसु होज्जा ? गोयमा ! चउसु वा, तिसु वा, दोसु वा, एगम्मि वा होजा। चउसु होमाणे चउसु संजलणकोह-माण-माया-लोभेसु होजा, तिसु होमाणे तिसु संजलणमाण- २० माया-लोभेसु होजा, दोसु होमाणे संजलणमाया-लोभेसु होज्जा, एगम्मि होमाणे एगम्मि संजलणे लोभे होजा। . १३०. नियंठे णं० पुच्छा। गोयमा! नो सकसायी होजा, अकसायी होजा।
१. भणगा जे० ज०॥ २. °सादी ला ४॥ ३. होयमाणे जे०॥
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