Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 02
Author(s): Bechardas Doshi, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 656
________________ सु० ८६-१०८] संजयभेएसु १६-१९ जोग-उवओग-कसाय-लेसादाराई १०५१ [सु. ९७-९८. सत्तरसमं उपओगदारं-पंचविहसंजएसु उत्रओगपरूषणं] ९७. सामाइयसंजए णं भंते! किं सागारोवउत्ते होजा, अणागारोवउत्ते होजा १ गोयमा ! सागारोवउत्ते जहा पुलाए (उ० ६ सु० १२२)। ९८. एवं जाव अहक्खाए, नवरं सुहुमसंपराए सागारोवउत्ते होजा, नो अणागारोवउत्ते होजा । [दारं १७]। [सु. ९९-१०४. अट्ठारसमं कसायदारं-पंचविहसंजएसु कसायपरूषणं] ९९. सामाइयसंजए णं भंते ! किं सकसायी होजा, अकसायी होजा? गोयमा! सकसायी होज्जा, नो अकसायी होजा, जहा कसायकुसीले (उ० ६ सु० १२९)। १००. एवं छेदोवट्ठावणिये वि। १०१. परिहारविसुद्धिए जहा पुलाए (उ० ६ सु० १२४)। १०२. सुहुमसंपरागसंजए० पुच्छा। गोयमा ! सकसायी होजा, नो अकसायी होजा। १०३. जदि सकसायी होज्जा, से णं भंते! कतिसु कसाएसु होजा ? गोयमा ! एगंसि संजलणे लोभे होज्जा । १०४. अहक्खायसंजए जहा नियंठे (उ० ६ सु० १३०)। [दारं १८]। [सु. १०५-९. एगूणवीसइमं लेसादारं-पंचविहसंजएसु लेसापरूवणं] १०५. सामाइयसंजए णं भंते ! किं सलेस्से होजा, अलेस्से होजा? गोयमा ! सलेस्से होजा, जहा कसायकुसीले (उ० ६ सु० १३७)। १०६. एवं छेदोवट्ठावणिए वि। १०७. परिहारविसुद्धिए जहा पुलाए (उ० ६ सु० १३३)। १०८. सुहुमसंपराए जहा नियंठे (उ० ६ सु० १३९)। १. गणगा जे० ज०॥ २. गारो० पुच्छा। गोयमा जे० ज० ॥ ३. अणगा जे० ज०॥ ७. °सादी जे० । 'सावी ला ४॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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