Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 02
Author(s): Bechardas Doshi, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 603
________________ ९९८ वियाहपण्णत्तिसुत्तं [स० २५ उ०४ ११०. एएसि णं भंते ! एगसमयद्वितीयाणं दुसमयद्वितीयाण य पोग्गलाणं दवट्ठताए० १ जहा ओगाहणाए वत्तव्वया एवं ठितीए वि। [सु. १११-११२. सुत्त ९६-११० गयवत्तव्वयाणुसारेण एगाइगुणवण्ण गंध-रसे पडुच्च पोग्गलाणं वत्तव्वयानिदेसो] ५ १११. एएसि णं भंते ! एगगुणकालगाणं दुगुणकालगाण य पोग्गलाणं दव्वट्ठताए० १ एएसिं जहा परमाणुपोग्गलादीणं तहेव वत्तव्वया निरवसेसा। ११२. एवं सव्वेसिं वण्ण-गंध रसाणं । [सु. ११३-११७. एगाइगुणकक्खडाइफासाणं पोग्गलाणं दव्वट्ठयाए पएसट्टयाए य विसेसाहियत्ताइपरूषणं] १० - ११३. एएसि णं भंते ! एगगुणकक्खडाणं दुंगुणकक्खडाण य पोग्ग लाणं दव्वट्ठयाए कयरे कयरेहितो विसेसाहिया ? गोयमा! एगगुणकक्खडेहितो पोग्गलहितो दुगुणकक्खडा पोग्गला दब्वट्ठयाए विसेसाहिया। ११४. एवं जाव नवगुणकक्खडेहिंतो पोग्गलेहिंतो दसगुणकक्खडा पोग्गला दव्वट्ठयाए विसेसाहिया। दसगुणकक्खडेहिंतो संखेजगुणकक्खडा पोग्गला १५ दव्वट्ठयाए बहुया। संखेज्जगुणकक्खडेहितो पोग्गलेहिंतो असंखेज्जगुणकक्खडा पोग्गला दव्वट्ठयाए बहुया। असंखेजगुणकक्खडेहिंतो पोग्गलेहितो अणंतगुणकक्खडा पोग्गला दवट्ठयाए बहुया। ११५. एवं पएसद्वताए वि सव्वत्थ पुच्छा भाणियव्वा। ११६. जहा कक्खडा एवं मउय-गरुय-लहुया वि। ११७. सीय-उसिण-निद्ध-लुक्खा जहा वण्णा । [सु. ११८. परमाणुपोग्गलाणं, संखेज-असंखेज-अणंतपदेसियाण य खंधाणं दव्धट्टयाए पएसट्टयाए दव्वट्ठपएसट्टयाए य अप्पाबहुयं] ११८. एएसि णं भंते ! परमाणुपोग्गलाणं, संखेजपदेसियाणं असंखेजपएसियाणं अणंतपएसियाण य खंधाणं दव्वट्ठयाए पएसट्टयाए दवट्ठपएसट्टयाए २५ कयरे कयरेहिंतो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा अणंतपएसिया Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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