Book Title: Agam 04 Ang 04 Samvayang Sutra Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainanand Pustakalay
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandie
विवाहपत्रत्तीए णं भगवतीए चउरासीई पयसहस्सा पदग्गेणं पं०, चोरासीई नागकुमारावाससयसहस्सा पं०, चोरासीई पड़नगसहस्साई पं०, चोरासीई जोणिप्यमुहसयसहस्सा पं०, पुव्वाइयाणं सीसपहेलियापज्जवसाणाणंसद्वाणवाणंतराणं चोरासीए गुणकारे पं०, उसभस्स णं अहओ चउरासीई समणसाहस्सीओ०, होत्था, सव्वेऽवि च्छरासीई विमाणावाससयसहस्सा सत्ताणउई च सहस्सा तेवीसं च विमाणा भवंतीतिमक्खायं । ८४ । आयारस्स णं भगवओ सचूलियागस्स पंचासीई उद्देसणकाला पं०, धायइसण्डस्स णं मंदरा पंचासीई जोयणसहस्साई सव्वग्गेणं पं०, रुयए णं मंडलियपव्वए पंचासीई जोयणसहस्साइं सव्वग्गेणं पं०, नंदणवणस्सणं हेहिलाओ चरमंताओ सोगंधियस्स कंडस्स हेहिले चरमंते एस णं पंचासीई जोयणसयाई अबाहाए अंतरे पं०८५ । सुविहिस्स णं पुष्पदन्तस्स
रहओ छलसीई गणा छलसीई गणहरा होत्या, सुपासस्सणं अहओ छलसीई वाइसया होत्था, दोच्चाए णं पुढवीए बहुमज्झदेसभागाओ दोच्चस्स घणोदहिस्स हेडिल्ले चरमंते एसणं छलसीई जोयणसहस्साई अबाहाए अंतरे पं० १८६ । मंदरस्सणं पव्वयस्स पुरच्छिमिल्लाओ चरमंताओ गोथूभस्स आवासपव्वयस्स पच्चच्छिमिल्ले चरमते एस णं सत्तासीई जोयणसहस्साई आबाहाए अंतरे पं०, मंदरस्स णं पव्वयस्स दक्खिणिलाओ चरमंताओ दगभासस्स आवासपव्वयस्स उत्तरिल्ले चरमंते एस णं सत्तासीई जोयणसहस्साई अबाहाए अंतरे |५०, एवं मंदरस्स पच्चच्छिमिल्लाओ चरमंताओ संखस्सावा० पुरच्छिमिल्ले चरमंते, एवं चेव मंदरस्स उत्तरिल्लाओ चरमंताओ दगसीभस्स आवासपव्वयस्स दाहिणिल्ले चरमते एसणं सतासीई जोयणसहस्साई अबाहाए अंतरे पं०, छण्हं कम्मपगडीणं आइमउवरिल्लवजाणं ॥ श्रीसमवायाङ्ग सूत्र ॥
[पू. सागरजी म. संशोधित |
For Private And Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113