Book Title: Agam 04 Ang 04 Samvayang Sutra Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainanand Pustakalay

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Page 95
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www. kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पोक्खरकणिआसंठाणसंठिया उकिणंतरविउलगंभीरखायफलिहाअट्ट लयचरिय (चतुरय पा०) दारगोउरक|| वाडतोरणपडिदुवारदेसभागा जंतमुसलमुसंढिसयग्धिपरिवारिया अउज्झा अडयालकोटरइया अडयालकवणमाला लाउल्लोइयमहिया गोसीससरसरत्तचंदणदद्दरदिण्णपंचंगुलितला कालागुरुपवरकुंदुरुक्कतुरुक्कडझंतधूवमधमधेतगंधुद्धयाभिरामा सुगंधिया गंधवट्टिभूया अच्छा सण्हा लण्हा घट्टा मट्ठा नीरया णिम्मला वितिमिरा विसुद्धा सम्पमा समरीया सउज्जोआ पासाईया दरिसणिज्जा अभिरूवा पडिरूवा, एवं जंजस्स कमती तं तस्स जंजं गाहाहिं भणियं तह चेव वण्णओ, केवइया णं भंते ! पुढवीकाइयावासा पं०? गोयमा ! असंखेज्जा पुढवीकाइयावासा पं०, एवं जाव मणुस्सति, केवइया णं भंते ! वाणमंतरावासा पं०?, गोयमा ! इमीसे णं रयणप्पभाए पढवीए रयणामयस्स कंडस्स जोयणसहस्सबाहल्लस्स उवरि एगं जोयणसयं ओगाहेत्ता हे। चेगं जोयणसयं वजेत्ता मज्झे अदुस जोयणसएसु एत्थ णं वाणमंतराणं देवाणं तिरियमसंखेजा भोभेजा नगरावाससयसहस्सा पं०, ते णं भोमेज्जा नगरा बाहिं वट्टा अंतो |चउरंसा, एवं जहा भवणवासीणं तहेवणेयव्वा, णवरं पडागमालाउला सुरम्मा पासाईया दरिसणिज्जा अभिरूवा पडिरूवा, केवइया णं भंते ! जोइसियाण विमाणावासा पं०, गोयमा ! इमीसे णं रयणप्यभाए पुढवीए बहुसमरमणिज्जाओ भूमिभागाओ सत्तनयाई जोयणसयाई उड्ढे उप्पइत्ता एत्थणंदसुत्तरजोयणसयबाहल्ले तिरियं जोइसविसए जोइसियाणं देवाणं असंखेजा जोइसियविभाणावासा पं०, तेणं जोइसियविमाणावासा अब्भुग्गयमूसियपहसिया विविहमणिरयणभत्तिचित्तावाउ यविजयव जयंतीपडागच्छत्ता|| ॥श्रीसमवायाङ्ग सूत्र ॥ ८४ पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal Use Only

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