Book Title: Acharang Sutram Shrutskandh 02 Author(s): Kulchandrasuri Publisher: Porwad Jain Aradhana Bhavan Sangh View full book textPage 4
________________ (प्रकाशकीय पू. साधु-साध्वीजी भगवन्तों के अध्ययन में उपयोगी इस आगम ग्रन्थ को पुस्तकाकार में प्रकाशित करने की प्रेरणा प्रवचन प्रभावक पू. पन्यास श्री चन्द्रशेखर विजयजी म.सा. के शिष्य रत्न प्रवचनकार पू. मुनिराज श्री जिनसुन्दर विजयजी म.सा. से हमें मिली। जिसके फलस्वरूप संघ के ज्ञान द्रव्य से प्रकाशित कर यह ग्रन्थ पूज्यों के करकमलों में समर्पित करते हमें अतीव आनंद हो रहा है। - अन्त में शासन देव से प्रार्थना करते हैं कि ऐसे अनेक ग्रन्थों के प्रकाशन द्वारा हम श्रुतभक्ति कर सकें। ग्रन्थ की महत्ता एवं आवश्यकता प्रथम श्रुतस्कन्ध की प्रस्तावना से विदित करावें। शुभं भवतु श्री संघस्य! श्री पोरवाउ जैन आराधना भवन संघ शिवाजी चौक, गोकुलनगर, भिवंडी, थाना - ४२१३०२ - आचारागसूत्रम्Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 ... 146