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लडकोंको वणथलीके राज्यपर बैठाया वहां श्रीवीरपरमात्माका चैत्य बनवाकर उसमे प्रतिमाजीकी प्रतिष्ठा कराकर एक मास वहां रहकर आप जब आगे बढने लगे तब सर्व तीर्थोंके सिरताज गिरनार तीर्थको देखा, मंत्रीसहित आप गिरनारपर गये, नेमिनाथ प्रभुकी भक्तिपूर्वक पूजा की । वस्तुपालसे तीर्थकी महिमा सुनकर आप बडे प्रसन्न हुए, एक गामभी भेट किया, और' चलते २ प्रभासपाटण पहुंचे । सोमेश्वर महादेवके दर्शन कर एकलाख सोनये मेटकर आप दीवबन्दर पहुंचे, वहां कुमारपालके बनवाये चैत्यको देखकर आनन्द मनाते राजा-मंत्री तलाजे पहुंचे, वहांके राजाने इनको जातिमंत केइ घोडे भेट किये । वहां उनको श्रीशत्रुञ्जय महातीर्थकी आठवीं टूक तालध्वजगिरिके दर्शनोंकाभी अपूर्वलाभ हुआ। ___ इस तरह की दिग्यात्रा कर कोडों रुपयोंकी संपत्ति लेकर मंत्रीसहित राजा धौलके आये, और सुखसे अपने जीवनको व्यतीत करने लगे।
"एक अनोखी और विकट घटना." या मतिर्जायते पश्चात् , सा यदि प्रथमं भवेत् ।
न विनश्येत्तदा कार्य, न हसेत् कोऽपि दुर्जनः ॥१॥ मारवाडदेशके जावाल नगरमे समरसिंह चौहान राज्य १ यह तीर्थ पालीताणासे १० कोसके फांसलेपर भावनगर स्टेटमें त. लाजा नामसे प्रसिद्ध है।
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