Book Title: Zen Katha
Author(s): Nishant Mishr
Publisher: Nishant Mishr

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Page 12
________________ जानना एक दिन च्वांग-त्जु और उसका एक मित्र एक तालाब के किनारे बैठे हुए थे। च्वांग-त्जु ने अपने मित्र से कहा - "उन मछलियों को तैरते हुए देखो। वे कितनी आनंदित हैं।" "तम स्वयं तो मछली नहीं हो" - उसके मित्र ने कहा, - "फ़िर तम ये कैसे जानते हो कि वे आनंदित हैं?" "तुम मैं तो नहीं हो"- च्वांग-त्जु ने कहा, - "फ़िर तुम यह कैसे जानते हो कि मैं यह नहीं जानता कि मछलियाँ आनंदित हैं?"

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