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62... यौगिक मुद्राएँ : मानसिक शान्ति का एक सफल प्रयोग
नभो मुद्रा 2. प्रारम्भ दिनों में यह मुद्रा करते समय कुछ क्षणों में ही असुविधा का
अनुभव हो सकता है पर नियमित अभ्यास से नभो मुद्रा सहज रूप हो जायेगी। फिर भी जब आपको कष्ट का अनुभव हो तो थोड़ी देर के लिए जीभ को
वापस सामान्य अवस्था में ले आयें। कुछ देर के बाद पुन: जीभ को मोड़ लें। 3. इस मुद्रा को उज्जायी प्राणायाम के साथ करना चाहिए। सुपरिणाम ___ • नभो मुद्रा को उज्जायी प्राणायाम के साथ करने पर महत्त्वपूर्ण फायदे होते हैं।
• इसका अभ्यास करने वाला साधक शारीरिक एवं मानसिक रूप से शिथिल और शान्त हो जाता है।
• शरीर एवं मस्तिष्क पर इस मुद्रा के अनेक सूक्ष्म प्रभाव पड़ते हैं। यह प्रभाव भौतिक, मानसिक तथा बायोप्लाज्मिक स्तर पर होता है।