Book Title: Yogik Mudrae Mansik Shanti Ka Safal Prayog
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith

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Page 189
________________ विशिष्ट अभ्यास साध्य यौगिक मुद्राओं की रहस्यपूर्ण विधियाँ ...131 54. घेरण्डसंहिता, 3/59 55. घेरण्डसंहिता, 3/57 56. घेरण्डसंहिता, 3/60 57. हठयोग प्रदीपिका, 3/108 58. हठयोग प्रदीपिका, 3/109 59. हठयोग प्रदीपिका, 4/17 60. उत्तर पश्चिमोत्तान, कृत्वा च तड़ागा कृतिम् । ताड़ागी स परामृत्यु, जरामृत्यु विनाशिनी ॥ घेरण्डसंहिता, 3/61 61. उत्तर पश्चिमोत्तान, कृत्वा च तड़ागा कृतिम् । ताड़ागी स परामृत्यु, जरामृत्यु विनाशिनी ॥ घेरण्डसंहिता, 3/61 62. बृहद् हिन्दी कोश, पृ. 991 63. संस्कृत हिन्दी कोश, पृ. 764 64. मुख ममुद्रत कृत्वा, जिह्वामूलं प्रचालयेत् । शनैर्ग्रसेदमृतं तां, माण्डूकी मुद्रिकां विदुः ।। घेरण्डसंहिता, 3/62 65. आसन प्राणायाम मुद्रा बंध, स्वामी दयानन्द सरस्वती,पृ. 303 66. घेरण्ड संहिता, 3/63 67. तंत्र, क्रिया और योगविद्या, स्वामी सत्यानन्द सरस्वती, पृ. 774 68. नेत्रांजन समालोक्य, आत्मारामं निरीक्षयेत् । साभवेच्छाम्भवीं मुद्रा, सर्वतन्त्रेषु गोपिता ॥ घेरण्ड संहिता-तीसरा उपदेश, श्लोक-64 69. घेरण्ड संहिता, 3/66-67 70. वेदशास्त्र पुराणानि, सामान्य गणिका इव । इयन्तु शाम्भवी मुद्रा, गुप्ताकुलवधूरिव ।। घेरण्डसंहिता, 3/65 71. यत्तत्वं हरितालदेश, रचितं भौभं लवरान्वित, वेदास्तंकमलासनेन, सहितकृत्वा हृदिस्थापिनम्।।

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