Book Title: Yogik Mudrae Mansik Shanti Ka Safal Prayog
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith

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Page 221
________________ अन्तःस्रावी ग्रन्थियों और ऊर्जा चक्रों में समानता एवं उनके स्थान आज के वैज्ञानिक जिन्हें अन्त:स्रावी ग्रन्थियों के रूप में स्वीकारते हैं, हमारे योगाचार्यों ने उन्हें चक्र अथवा कमल के रूप में स्वीकारा है। जापान में प्रचलित बौद्ध पद्धति जूडो में इन्हें क्यूसोस कहते हैं। इन तीनों के शरीर में जो स्थान और आकार माने जाते हैं, उनमें विशेष अन्तर नहीं है। अन्तःस्रावी प्रन्थियाँ संबंधित योग | जूडो क्यूसोस रंग | तत्त्व चक्र पिनियल सहस्रार चक्र ___ टेन्डो बैंगनी पीयूष | आज्ञा चक्र | ऊतो नीला संचालक तंत्र | शरीर में | विशेष स्थिति प्रभावित अंग कपाल ऊपरी मस्तिष्क मस्तक के मध्य बोध । ___ चेहरा | निचला दोनों भौंहो | मस्तिष्क स्नायु के मध्य | तंत्र ___ कंठ । नाक, कान, कंठ के मूल |गला, मुँह, स्वर हिचू | आसमानी आकाश थायरॉइड | विशुद्धि चक्र | | पेराथायरॉइड श्वसन मुद्रा प्रभावित चक्रादि के यन्त्र एवं चित्र ...163 थायमस | अनाहत चक्र | क्योटोटसु | हरा । वायु । रक्त संचार पीछे मध्य | भुजाएँ, रक्त भाग में | संचार प्रणाली

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