Book Title: Yogik Mudrae Mansik Shanti Ka Safal Prayog
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith

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Page 193
________________ अध्याय-4 चिकित्सा उपयोगी मुद्राओं का चार्ट प्राणिक हीलिंग विशेषज्ञ के. के. जायसवाल एवं एक्युप्रेशर चिकित्सज्ञ शरद कुमार जायसवाल, वाराणसी के अनुसार कौनसा रोग किस मुद्रा से ठीक हो सकता है? इससे सम्बन्धित यौगिक मुद्राओं का एक चार्ट प्रस्तुत किया जा रहा है। इस सम्बन्ध में यह ध्यान देना जरूरी है कि रोगों से छुटकारा पाने हेतु जिन मुद्राओं का सूचन कर रहे हैं वे मुद्राएँ उन रोगों की चिकित्सा में मुख्य सहयोगी हैं किन्तु सभी मनुष्यों की शारीरिक एवं मानसिक प्रकृति भिन्न-भिन्न होने से कई बार अन्य मुद्राओं का प्रयोग करना भी आवश्यक हो जाता है अत: मुद्रा विशेषज्ञों से जानकारी प्राप्त करने के बाद ही तत्संबंधी मुद्राओं द्वारा उपचार करना चाहिए। • किसी भी मुद्रा को निरन्तर कुछ दिनों तक करने पर उसका प्रभाव पड़ता है। • मुद्रा का प्रयोग सही विधि से एवं विश्वास पूर्वक करना अनिवार्य है। • विशिष्ट साधना के दौरान यदि सम्यक विधि से मुद्राओं का प्रयोग किया जाए तो भावधारा निर्मल होने से वे अचिन्त्य लाभदायी होती हैं। शारीरिक रोगों के निदान में प्रभावी मुद्राएँ अस्थमा- चिन् मुद्रा, भूचरी मुद्रा। अनिद्रा- चिन्मय मुद्रा, भैरव मुद्रा, नौमुखी मुद्रा, योग मुद्रा, आकाशी मुद्रा, नभो मुद्रा, उड्डीयानबंध मुद्रा, शाम्भवी मुद्रा-1, शाम्भवी मुद्रा-2, पाशिनी मुद्रा। आफरा- नासिकाग्र मुद्रा, अगोचरी मुद्रा, महा मुद्रा, महावेध मुद्रा, विपरितकरणी मुद्रा, ताडागी मुद्रा, मांडुकी मुद्रा, काली मुद्रा, भुजंगिनी मुद्रा। आलस्य- भैरव मुद्रा, नौमुखी मुद्रा, महा मुद्रा, जालंधरबंध मुद्रा, मूलबंध मुद्रा, महाबंध मुद्रा, योनि मुद्रा, शक्तिचालिनी मुद्रा, ताड़ागी मुद्रा,

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