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विशिष्ट अभ्यास साध्य यौगिक मुद्राओं की रहस्यपूर्ण विधियों ...121
निर्देश
काकी मुद्रा 1. पूरक (श्वास लेने) एवं रेचक (श्वास छोड़ने) की क्रिया को जितनी देर
सम्भव हो, दोहराते रहें। . 2. पूरक करते समय होठों को परस्पर इस तरह मिलायें कि उनके मध्य में ___एक छोटी गोल जगह बन जायें, जिसमें से श्वास अंदर ली जा सकें। 3. पूरक करते समय जीभ को शिथिल रखें। 4. ध्यान रहें, सम्पूर्ण अभ्यास काल में आँखें खुली रहने दें। 5. इस दरम्यान नासिकाग्र दृष्टि का अभ्यास भी सतत करते रहें। 6. यह अभ्यास इच्छानुकूल अवधि तक किसी भी समय कर सकते है।81 सुपरिणाम
• यह तत्त्वों को संतुलित करने वाली महत्त्वपूर्ण मुद्रा है।
• शारीरिक स्तर पर इस मुद्रा पूर्वक नियमित पन्द्रह-बीस मिनट तक श्वास लेते हुए वायु सेवन करने से सभी प्रकार के रोगों का नाश होता है। इसी श्वास को नाभि तक जल्दी-जल्दी लेने से फेफड़ें स्वच्छ रहते हैं और फेफड़ों