Book Title: Yogik Mudrae Mansik Shanti Ka Safal Prayog
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith

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Page 181
________________ विशिष्ट अभ्यास साध्य यौगिक मुद्राओं की रहस्यपूर्ण विधियाँ ...123 मातंगिनी मुद्रा विधि • सर्वप्रथम कण्ठ पर्यन्त जल में खड़े हो जायें। फिर नासिका से जल खींचकर मुख-द्वार से बाहर निकालें। • फिर मुख द्वारा जल खींचकर नासिका से बाहर निकालें। इस तरह नासिका से जल ग्रहण कर मुख से बाहर करना तथा मुख से ग्रहण कर नासिका से बाहर करना, ऐसी पुनरावृत्ति करते रहना मातंगिनी मुद्रा है।83 निर्देश 1. योगी पुरुषों द्वारा आचरित इस मुद्रा का अभ्यास एकान्त स्थान में करें, ___ एकाग्र चित्त से करें एवं निर्दिष्ट विधि पूर्वक करें।84 2. यदि यह अभ्यास मनोयोग पूर्वक किया जाए तो इसकी सिद्धि थोड़े से प्रयत्न से हो जाती है। 3. किसी योग्य गुरु के निर्देशन में इसका अभ्यास करें। आराम दायक स्थिति में इच्छानुसार अभ्यास किया जा सकता है।

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