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110... यौगिक मुद्राएँ : मानसिक शान्ति का एक सफल प्रयोग
• आधुनिक चिकित्सा की दृष्टि से यह मुद्रा ऐसे शक्ति केन्द्रों का शोधन करती है कि जिससे साधक के बाह्य एवं अन्तरंग दोनों प्रकार के रोग उपशान्त हो जाते हैं। इस मुद्रा से प्रभावित सप्त चक्रों आदि का चार्ट निम्न है
चक्र- आज्ञा एवं अनाहत चक्र तत्त्व- वायु एवं आकाश तत्त्व ग्रन्थिपीयूष एवं थायमस ग्रन्थि केन्द्र- दर्शन एवं आनंद केन्द्र विशेष प्रभावित अंग- निचला मस्तिष्क, स्नायु तंत्र, हृदय, फेफड़ें, छाती, भुजाएं तथा रक्त संचरण तंत्र। शाम्भवी मुद्रा (द्वितीय प्रकार)
इस मुद्रा के स्वरूप से स्पष्ट होता है कि यह मुद्रा लगभग शाम्भवी मुद्रा के समान ही प्रयुक्त की जाती है।
शाम्भवी के प्रथम प्रकार में दृष्टि को भ्रूमध्य पर स्थिर करने का निर्देश है जबकि इस द्वितीय प्रकार में दृष्टि को नासिका के अग्रभाग पर केन्द्रित करने का सूचन है।
शाम्भवी मुद्रा-2