________________ [संस्कृतच्छाया:- गृहीतं वा भवतु तस्मिन् सामान्यं कथमनीहिते तस्मिन् / अर्थावग्रहकाले विशेषणमेष शब्दः इति // ] अथवा भवतु तस्मिन् व्यञ्जनावग्रहे सामान्यं गृहीतम्, तथापि कथमनीहितेऽविमर्शिते तस्मिन्नकस्मादेवाऽर्थावग्रहकाले 'शब्द एषः' इति विशेषणं विशेषज्ञानं युक्तम्। 'शब्द एवैषः' इत्ययं हि निश्चयः न चायमीहामन्तरेण युज्यते, इत्यसकृदेवोक्तप्रायम्। अतो नार्थावग्रहे 'शब्द' इत्यादिविशेषबुद्धियुज्यते // इति गाथार्थः // 278 // अथाऽर्थावग्रहसमये शब्दाद्यवगमेन सहैवेहा भविष्यतीति मन्यसे, तत्राऽऽह अत्थावग्गहसमए, वीसुमसंखेन्जसमइया दो वि। तक्कावगमसहावा, ईहाऽवाया कहं जुत्ता? // 279 // [संस्कृतच्छाया:- अर्थावग्रहसमये विष्वक् असंख्येयसामयिकौ द्वावपि। तर्कावगमस्वभावौ ईहा-अपायौ कथं युक्तौ // ] अर्थावग्रहसंबन्धिन्येकस्मिन् समये कथमीहाऽपायौ युक्तौ?, इति संबन्धः। कथंभूतावेतौ? यतः, इत्याह-तर्काऽवगमस्वभावौ, तर्को विमर्शस्तत्स्वभावेहा, अवगमो निश्चयस्तत्स्वभावोऽपायः, द्वावपि चैतौ पृथगसंख्येयसमयनिष्पन्नौ। [(गाथा-अर्थ :) यह मान भी लें कि उस (व्यञ्जनावग्रह) में 'सामान्य' गृहीत होता है, किन्तु बिना ईहा के ही, (अकस्मात्) अर्थावग्रह-काल में 'यह शब्द है' -यह विशेष ज्ञान (निश्चय) कैसे हो सकता है?] व्याख्याः- अथवा, चलो यह मान भी लें कि उस व्यञ्जनावग्रह में सामान्य (अर्थसामान्य) का ग्रहण होता है, फिर भी (इसका उत्तर आपके पास क्या है कि) 'ईहा' या विमर्श के बिना ही, उस अर्थावग्रह-काल में अकस्मात् ही 'यह शब्द है' यह विशेषण-विशेष ज्ञान होना किस प्रकार युक्तियुक्त है? 'यह शब्द ही है' यह तो निश्चय ज्ञान है, किन्तु यह (निश्चय) ईहा (विमर्श) के बिना झट से हो जाय -यह युक्तियुक्त नहीं -यह हम अनेकों बार प्रायः कह चुके हैं। अतः अर्थावग्रह में 'शब्द' है इत्यादि विशेष बुद्धि का होना युक्तियुक्त (संगत) नहीं है। यह गाथा का अर्थ पूर्ण हुआ // 278 // अब, 'अर्थावग्रह के समय में शब्दादि के अवगम के साथ ही ईहा हो जाएगी' -यदि ऐसा मानते हैं, तो इस सन्दर्भ में भी (भाष्यकार उसमें दोष-प्रदर्शन हेतु) कह रहे हैं // 279 // अत्थावग्गहसमए, वीसुमसंखेज्जसमइया दो वि / तक्कावगमसहावा, ईहाऽवाया कहं जुत्ता? | [(गाथा-अर्थ :) जो (क्रमशः) पृथक्-पृथक् असंख्येय समय वाले हैं, (क्रमशः) तर्क व अवगम (निश्चय) स्वभाव वाले हैं, उन ईहा व अपाय का (एक समय वाले) अर्थावग्रह के समय में होना कैसे युक्तियुक्त होगा?] व्याख्या:- "अर्थावग्रह से जुड़े एक समय में ईहा व अपाय -ये दोनों किस प्रकार युक्तियुक्त (उपयुक्त) हैं?" -इस प्रकार पदों का सम्बन्ध है (इसी के आधार पर पूरे वाक्य का अर्थ समझना Na 404 -------- विशेषावश्यक भाष्य --- -----