Book Title: Visheshavashyak Bhashya Part 01
Author(s): Subhadramuni, Damodar Shastri
Publisher: Muni Mayaram Samodhi Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 509
________________ विशेषावश्यक भाष्य (व नियुक्ति) की वर्णक्रमानुसार गाथाएं 268 247 गाथा सं. पृष्ठ सं. गाथा सं. पृष्ठ सं. अक्खरलंभेण समा 143 | अहवा नामं ठवणा अक्खस्स पोग्गलकया | अहवा निवायणाओ अट्ठावीसइभेयं एयं सुय अहवा नोदेसम्मि अण्णाणं सो बहिराइणं 195 अहवा वत्थुभिहाणं अण्णे सामण्णग्गहण अहवा सम्मइंसण. अत्थग्गहणेसु मुज्झइ अहवेह नमुक्काराइ अत्यन्तरे वि सइ मंगलम्मि. अह सुयओ वि विवेगं अत्थाणं उग्गहणं (नि.) | आईए नमोक्कारो अत्थाभिमुहो नियओ आगमओऽणुवउत्तो अत्थावग्गहसमये आगारोच्चिय मइसद्द. अस्थि तयं अव्वत्तं 264 | आगारोऽभिप्पाओ अत्थोग्गहओ पुव्वं 259 | आभिणिबोहियनाणं (नि.) अत्थोग्गहो न समयं 270 | आलोयणत्ति नामं अत्थोग्गहो विजं वंजणो 275 आविब्भावतिरोभाव. अत्थो त्ति विसयग्गहणं | इट्ठाणिट्ठाहारब्भवहारे अन्ते केवलमुत्तम इन्दियमणोनिमित्तं परोक्ख. अन्ने अणक्खरक्खर . | इन्दियमणोनिमित्तं जं अन्ने मन्त्रंति मई 154 इन्दियमणोनिमित्तं तं अब्भत्थेऽवाओ च्चिय कत्थइ इयर त्ति मइन्नाणं अभिलप्पाऽणभिलप्पा इयरत्थ विभावसुए अभिहाणं दव्वत्तं इयरत्थ वि मइनाणे अविसेसिया मइच्चिय इयरम्म वि मइनाणे अंसुयक्खरपरिणामा 157 | इय सामण्णग्गहणा अस्सुयनिस्सियमेवं 302 | इय सुबहुणावि कालेण 377 अह उवयारो कीरइ 160 | इहई जेणाहिकओ 236 अहव मई दव्वसुयत्त ___210 इह पासुत्तो पेच्छइ / अह व मईपुव्वं चिय 263 384 | इह भावो च्चिय वत्थु अहव सुए च्चिय भणियं 262 383 | इह मंगलं पि मंगल. a ---------- विशेषावश्यक भाष्य --------441 265 162 298 152 114 212 420 136

Loading...

Page Navigation
1 ... 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520