Book Title: Uvvatbhashya
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kalashsagarsur Gyanmandir हेमहावीर कृष्ण सेक्तः / शका शकच्छब्दसाशकन्नादेशः / धूपयामि देवयजनेष्टथियाः / मखायत्वा मखसात्वाशीणे / एवं हितोयटतौयौ / यपयतिबौम्म हावौरान विभिमन्वैः मखायत्वेतिप्रर त्या // ब्वष्मः शुक्नाखूपयामिदेवयजनपृथिव्याः // मुखाय॑त्तामखस्य र ताशीी। अवम्यत्त्वाव्वष्णण शुक्लावूपयामिटेवुयजनेपृथिव्या॥ मुखायंत्तामुखस्य॑त्ताशोळें // अश्व॑स्यत्त्वावृष्णाः शुक्नाधूपयामिदेव यजनेपृथिव्याः॥ मुखाय॑त्तामुखस्यत्ताशीष्मौ // मुखाय॑त्तामुखस्य॑त्ता / * शोषौ। मुखाय॑त्तामखस्यत्ताशी // मुखाय॑त्तामुखस्यत्वाशीमा 6 // ऋजवत्वा // साधवैवासुक्षित्यत्वा // मुखाय॑त्वामुखस्यत्वाशीमों।। र तिमन्वम् // 6 // पक्वानुहरति / कटजवेत्वेति प्रतिमन्त्रम् / फ्टजवेत्वा असौवैलोक: ऋजुः / / सत्यमेवतत्रकौटिल्यरहितम् / सत्यम्बाादित्यः ऋजवेत्या आदित्यायत्वाम् उद्दरामौतिशेषः / For Private And Personal

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