Book Title: Uvvatbhashya
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________________ Shn Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirtm.org Acharya Shri Kallashsagarsuri Gyanmandir इति महाबीरावस्थान प्रतिपादिकाश्रुतिः // 5 // सविताप्रथमेहन्निसाह / देवतासंवन्धविधानाश्रुतिः / महावीरप्रायश्चितानि समाप्तानि // 6 // उग्रश्च / अग्निकण्डिका। अरण्यध्ययनसा• शरसिसन्तुाय्याने ब्वायव्योहियाणऽ आग्नेयोहूयमानीवाग्घु तः // 5 // सुविताप्ग्रथुमे // हन्नुग्निहितीयेब्वायुस्तृतीयऽआदित्य चतुर्थेचन्द्रमाः पञ्चमऽऋतु: षष्ठे मुरुतः सप्तमेवहस्पतिरष्टमे // मित्वोनवमेवरुणोदशमऽइन्न्द्रऽएकादर्शविश्वेदेवाहादशे // 6 // उग्ग्रपञ्च भीमप्रच्चद्ध्वान्तश्चधुनिश्च॥ सासुहबापच्चाभियुग्ग्वा , चविक्षिपः स्वाहा // 7 // अग्निहृदयेन // अग्निहृदयनाशनि मान्यदिहपाठः / मारुतोगायची विमुखाख्या / भीमश्चध्वान्तश्च धुनिश्च / सासवांश्च / अभियुग्वाच / विक्षिपश्च / वापिच कारःप्तमुच्चयार्थीयः / एवंसप्तमरुतः // 7 // अग्निहृदयेन / आश्व-शिवम् For Private And Personal

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