Book Title: Uttaradhyayana Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Jaysundar
Publisher: Sanchor

View full book text
Previous | Next

Page 141
________________ पोमोमबविजाणिalini ||२१ सम्यकचरुचिवजीवगका सीवादियदनजगिव। अनेकतञ्चनःविषयमर लिमसेलबिंदचपोरगीमी । हिमर शनिमएकस पदनमा Panel मासुत्ररुपतिनाथशागणाणगाशपयाजोपसरईसम्माघदरातिविशरमाबीयत निवश्यटन सईप्रसर प्रताप नबीजय विजांणदी॥२२ ग्यारवेग पश्नादृष्टिवाद यसितिकतज्ञानजोगई। मूत्रनविदानातालिगमाचिकही २३ आगजे बनायाण्यारसाहातातिगमसीसुयनागासणवदिशकारसमंगाशादिष्विाचयाशदवार च्यात्मणामघलाई सावधाण संघलीईज्ञायविधि ज्ञान विस्तारमचिजाणवीn २an जेहनदर्शनजानचा सबलावाममाणहिजस्ववतवासघाहिनयमितहीदियाचिलाररूतिमायाद्यवादसणनाणचनि शिवालयविनयमघल्लीसमलिगुप्तिक्रियाश्त्यादिकबोलनविषालावनामचिरनिवाकियामचिजागधी॥२५॥ 6 जेअनति sajaalamसबसमिऽगुन्नासाजाकिरियानावासारवलकिरियारुनिमायागानि जर गृहीतचनादरावहिष्टिमिम्पचनविषवधियरस्थान-अजाण जिनशासनिक विष तेसंक्वेयरुचिजणा६ सेनि गहियादिही मारववाविहानायाब अधिमाना पिवयाणा गतिमहिन्यामरससारालाच नोक्तवधिअनिकायधमनिकायदिक ऋतधर्मचारित्रसद्दद। तेधर्मविजांगावा ८२५ ॥२५ परमपशष्ठजीवादि शिकायधामासयधम्मेवालचरितमंचासह जिणानिहियो साधम्मरुविनायाबायरमसंघroom कतव सुपरिविनस्परमाणात परमानीमुष्टि परमार्थसेवा अनवदर्शनासुयरचयबामशागसम्यक्य चारित्रसम्यकश्वरहितन। स्वावासुदिक्ष्यमवासणावाविवादमवणायासमसणाश्मिinfaaरिसम्मनविजय परमतकमर मारव नसरथक A

Loading...

Page Navigation
1 ... 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230