Book Title: Uttaradhyayana Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Jaysundar
Publisher: Sanchor
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बोलीसिय
पन्न नेपनीलुष ०६॥ दनाम गैरिकय संमगश्य पुलक सौगंधिकर चंपासव वैकुर्य अलकांशिामूर्यकांतिपचार नवगाथाशीलयापासयदंशावालसाधियोबाधाबावंगतोवलियासतकालसर गाज सदरनजानिमा यस्वरकविनष्टधी कायना त्रासलेदसंपिई कहिया ॥५न अनसूनचाकायनाएकजसेदय हवमूदायाधीकाय ।
की कामयागारवरपक्षीगालयातीसमाहियारागविमनामाता सुजमातवियाशिययासक्रमास । सर्वलोकनविय व्यायीरहीबई। अनबाररवीकायलोकतणावदेशिएकश्यासेम्शगहनाचिपकारनेद सामान्य जीवनाप्रनिशादिया बानागरिमालागादासयमाया गानाकातविनाjaanसिंधवाहिताज्यासताईयाwal दिनहीअतनही अनईस्थितिजन्माईश्रादिसहितअंतसहितज वीकायजीवनामकृष्टीमिनियाकतंबाचीससहप्रावरमाई) मियावियाविएफुधमाश्या। सपासियावियाज्याबावीसमहरमाशयामाणाकामियान
अजघन्य अंतमुर्तजार चोकायतणावधाकायणमूकनाप्रसंख्याउकालसरयासमवसर्याणी कविईपुटवीण नामुमक्षिनियंशिसंखकानमुकासातासमुस्कहानियकाय, कालकृष्टकायचितिहाजघन्यकार्यस्वतिअंतर्मुलन।२ धाकायनाजीवनयापणुष्टबीकायसंबंधीनदेहोमितालीममधीकायमांदिवानरवाई सईपुरवाणानकायचिमुचनाणेसकालमुक्कामानामुनगंडहनिया विजमिसएका उमटलनताकानअंतरजाजधन्यत्र प्रवीकायतणाजीववर्णावगंधचरसजस्यविसंम्वान गलाबाल पावन तेदत्तणासहश्रम ४:०० पुटधामबाणलिंगोपसिंघनवाचवागंधरसफासनासंगाणादसनवावि विहागासहस्सslity
नरमरिन .१२.
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