Book Title: Uttaradhyayana Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Jaysundar
Publisher: Sanchor

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Page 154
________________ कर। अनअयोगऽीवनयांकनबांध) अनइंसर्ववनिरि३६ देतगवनशरीरखत्यारव्यानिशीघमि आवसरीक्षणपञ्चरकावई। मिद जाणकामगाबहनिधारावधासचिमणतजEDMRरकाणगणसिहा aणाप्रतिसयगुणतसहितयाऍकर मिहत्तणाप्रतिसय गुणमंधार्गावनाकायञ्यगतuiमिथुमकृष्टस्यीय हेलगवानसरयायप उसयगुणनिधानामिहासागुणसंपानयाांजीवरमागमायुधगएयरसवदीमाश्या महायपञ्चका लोकन त्पारव्यानजीवमिर्डकर) सव्यायामप्रत्याशिवाकञ्चयणकर श्रमजीवएकवनावरंध यकायनाasa रसुतुषा अलाशेक्षताव अमख एणतातयामहायपरकाशीलावंजय गावस्यवियांसाणगगालावभागाअण्णमाद्द जिणवा ऊमवचनरहित कलहकरवायरहित करारखाल मंयमन संवश्वातज ॥३ श्रयकरण्यकताहणकामागायबमंघा/68830 मेमंजमवानासंवरबकातासमाविशयाचितव देवगवनसक्तयत्याव्यानिरंजीवसिकरई। सनपत्याख्या नगेकसवाणामनिकंधई- हितगवनमशावपत्यारव्यानर Marयायचरकारगणतजावणलपचरवारप्राईलचसयाऽनिरंतजाध्यासझावयचरखारागनी जीवमिनासायपत्याख्यान सर्वसंघरमूपिसिलसीकरणिक अनिचनिगुणगणुपांमई। अनानिनियडिजिच्यारिकेधनासंबंधीयाशेषाधकांश उदमजी यासनावपञ्चरकारणानिनिहिणायशअनियिडियानयागारमाशिकवस्तिकमासरवावा करूप सण-सव नावदनायर यायर नामगावक्षयकरीपबमीमई। मंसारबीअलगुधाई। सर्वपरवाणुअंतकर मुक्तिराई हेनगवनजीवपति. जहावरणिधंद्याश्यमानायचामिक्षाशचनावश्यरिनिवाश्मधारका कारशाशnिtary कराई।

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