Book Title: Uttaradhyayana Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Jaysundar
Publisher: Sanchor
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४२०
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एवं 20 एककस्थानकि परमंडलसंस्थान वर्म रस an amदियाशकासाशासनासश्यगंधयात परिमंडलसंवोसयरसवाचनालय नच स्पर्मप्रवंशलेद॥४३ वत्याकार संस्थानकवर्षय गंध२ रसय स्पर्श एवं 20 विधापुरससंस्थांनवार्णय गंध२ रसय स्का
कामवियानासंगणनसाववाद्यासशणगंधयालयकासनवियापासंधाणलावतासासणगंधात शएवं२०४५/ संस्थानचवन) वामप/गंधर। सय) स्फर्शन एवं२०॥ १।१६) । संस्थानाश्रम वर्मधागधरस५/ स्पर्श
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जीवसिष्माणिवा गाविजन माहिमिहत्तणा गने त संदेश तिखम्ल कूदितीमांतनु र घासाराम संसारका सिकायोऽविहाड़ीवाधियोदिया सहागगविहान्नानिमिकिन्नायममुरगाणा) खालगमिएस निगसिमगलिंगमि३ यतीविषसिधअन्यग्निंगबिछादिकामध्यममारामावसषयहालग अष्टळाश्त्यमममणसमाज
एकजीवमिमि अवगाहनाजीवमिगितिपी रिसमिधामाताहवयनसमासनिंगशालागणागिदिलिगतानयाधमाकासांगहोण्य मनकृष्टश्रवगाहनापांचमईधवषमाणक जघन्यश्हाधमध्यपहावदेहमागाएकजीव एकसमश्नसकदम मस्त्रीवासमिश्मिाई कपर्वतमपरिगवायीवातदशरदत्यादिम जातिय गलाकमयति पमिध्ये पामशेयक मिजाज्ञायक.म जिहन्नमधिमाश्यो महावयतिरियासमुहामानवामिया।
जायसममा चियइंजीवनदीमश्समापिरहसिध्ययामायण
क्र
MURARINIRAM

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