Book Title: Uttaradhyayana Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Jaysundar
Publisher: Sanchor

View full book text
Previous | Next

Page 180
________________ आग नवीनरागरागम्यरोहित ममामास्विमवरकरणीयराम विलयनयोमा छिमकमलपत्रयाणामांहिकंप जीपकायन विषमाम्यर्शयहिवावांनशतस्य पांगानविषालयनपा मई ॥ हरियणानिधमशेवमामा/जालगावस्करिणायला साधाकथम्मकासंगरावयतिसंशगाह शमसुमनान्यरोगहवा अमाईडेस्य यमनाम्यनघरावयह जीवरकापामाम्यनिविषसमसाव जमावस्पर्शकायतऽविषयहाणकरखावांबडा उमाकानदामाश्रमणमाकामामायामयसवायरामाकासम्मकायंगणश्यति अनजे कायन म्यग्रहाणकरवावीसतिस्यमिनायतराहेन । अनशेम्पत्रिमना मनिघतेयश्चय नावस्यनिविधतीवगृह कायम्सफाहवयंतिारागामामामा जादासाहमंत्रमणसमाचावयाफसमाजाशिष्ठि यष्यामई) ने जीवनकालिप्रस्ताविकांमज्ञा जिममहिघर मादित्रनिहिस्टायांगीमास्यनिऽविधामनवजानवारीमावयहने अनमहिपाड सावतिछाशकानियंयावशमविणासंरागा रमायलावसानागाहामायमाहिरसव कपोमई। प्रद जजीवनातावाध्ययणघांमतिक्षणमाघीणीजीवनई दृष्टदोघिका शिउग्कयांमई जाधम्पर्शगाहणीकाश्नसक। झाझ्याविशदासंसमानिससिकारणासाउदनाशामAmravatiचिकी बांसनसकई ॥ ॥ जीवनमापनि विषयासनशीलीवनाघरमपनि विवश्यषाणयांमध्। बालमूर्वडरवताणुसंघात्यांमईन । संभवरवधीसा19 एतशनासमिफासाग्रतालिासासकामयसापुरकरासंधीलमावश्यान्न HTTAमममिकालावधगाव वनावस्पर्शनीवांखाकरखवरचमेकडीवस्यहाशानबालपूर्वकंचस्पर्शलष्टनाक्याय मस्तिष्पातामुगीधिAICDHERAI मागवावाचाहिंसारण गमायाधिसहित

Loading...

Page Navigation
1 ... 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230