Book Title: Uttaradhyayana Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Jaysundar
Publisher: Sanchor
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घाताना पकानद२४ल्ट
रचाकर
जधाइया दादाघबई। माधुनिझावनिमुखावह॥२५ मापंचयासीमानापरिमिक्षांतरिवादोषरहितजिमकहातिमाकाबलारयाणानावश्त्रण कमर्दादासांसिस्कवित्रीमहावादारयाममुयाग तामसिक दोमुहमगिदियोलामालासमिसंडामयिड साश्चतिकाबानियालइ ६ माधुरमनइंदिरेहदोनदमालिकानगिन्तारक्षितपुरमदानमितिमा व्यायामंजमयालवानश्यपियादारलिज वायचरमुगालालारासंगिहालिलाप्राविशनरसंहाशिवणशामामुगाचीन सरोवरच
माधुरामातणीस्वनावंदरावस्वादिकलनिमकारमात्मान मसापानही ॥ साधनीयाणाममतारहित शुक्लध्यानध्याय) मयर परचाकर शोरयाणाचावंदणीस्यागतहाइटीसवारेमामानियामामुक्काम कियाराजा अनियारण
आपणवादहवासिराविव जाकालावई तोलगपएदारकर३०५२ माइमरणकालावित अाहारमोडी जीवनरा अकिंचागावामहिकारविसरिझाकार्यकालयिका यानिहारिकायादाकालेधामनिवदिया कालडागमणोच्चारकरीमद्यम्यसंबंधीशरारऍकी मोटाउरकधी गूंका ४२० माधुभम तारहितहत अहंकाररागाध्यरहितालापायरहिता केवल
चकमाणसोबादि पहचरकविमुच्चीश्या निम्ममा देकासावीयागोत्रणासावा संयानाकवलेना) ज्ञानपांमीशास्वतीमोरध्ययीमई इमिग्रंबालाई ५२१ मिश्रणगारमागंरामयणं मम्मान॥ २५॥ Anufanामधर्मस्वामित्वप्रतिकह।यजीवन मासयरिनिशिबमिरतिग्रागारमनप्रक्षयागसमशेयजीबजादविलत्रिीमुहार संगमस्याऽाशिकरणसमग समस्या समामाशावाचवाडीवायएसालारावियाहियाग्रही
वा
निर
न्यूजीचहापावचाराणमझनश्कहितायकमनासानला
सिमसामानला जीवतरणी विचाराणानजीवनश्मापल्यायममाहिकहियाप्रमजीवदेशान
मानवकार श्चारित्रमर विधायणकर ।

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