Book Title: Uttaradhyayana Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Jaysundar
Publisher: Sanchor

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Page 177
________________ चलना अवस्मोकजीवरुपाणीबानमूर्पगंधलाष्टकंत्रापाषु पश्चानायकरउश्रापणुात्मामोटईनोवाईकरायाम ॥५३ जेडावगंधनऽविपश्यामक । ने जानाधादिंमणिजिनशिलरियानमालापालनहारकिल्लिाहाकार तदा नशेगेधाविषमा जलयात्मानगंधम्प जगविवानईगंधराघवान नेगेधन योगिजीवन किममुस्वनाशसंतोगकालऽश्यत्रतत्रोतोपनालात TUE परिमाणाध्यायाणकानिमावविभागायकदिसुदामामालागेकालयतिनलालायिधागा जीवगंधन विषयमस्वगंधयहिवांनइंविधईआसक्तयत्तसतोयनपीमी असतोमोजावजगाईदोघश्करीऽस्कममतस्परलासीउजवदना तिनयंगगिगाहयासासामासानलावहिानामवाधिदासदायरालोलावियायथई । बुलेगदारव५५ जीवलाश्करीपरामविधवगंधनशमिश्क अदनपरियरमऽविषयमाजलासनणदेोनिश्करीमाया पाव । दायातमा लियादवदाशिणा तिनमपरिणादयामायामासंदाला। पार। निहतिजावडरकधीम कोऽ ॥५६ डीवम्याबालमुपदि श्रनयबश्योगकातिधरकसहितजनिडरकोहिलनकर सादामा महाविद्यमाविमुचीमायामासमी पचायपुरवनयापनकालय जहाजनारायद पहारऊ। गाटदोहिलनेकर्मनीगचीपारिलालमबाणदाकपदार्थ गंधमाआवजयस्वनश्याप्रकारिरंकदापिसुवनपांमईतिहाशवनावि, त्राणिसमाययाता गायतिन्नाइदिनप्रDिULAपुरनमानराकोसहाहाकयाशक घईसोगन विषयाउन्लेशकारीमरकज जैतागमविषभिवत्यातहनई उसनदीप इंघकारिगंधन विधामावविवशयसाविगिया विशाहाचालागर्यकिालसउरानिधनामकारकाusnefiपसानोकादया "

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