Book Title: Uttaradhyayana Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Jaysundar
Publisher: Sanchor
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संयोग विनयश्याय गोलकण॥३ राजीवर अजीव२. पुण्यक्ष पाय बंधय माझ६ यात्रव७ संवरय निर्जराण मांजावायवितामायायधवाशांनुलरकाबाडीवायायायावासोमहासंवानिजरामोरया
यतबापदार्घजीवन हिण एमवतमाचायदाधरसमावसत्यवियचयादसिवानाविसद्दसतातसम्यचकहिचस्वश्सम्यकवतगीदसमचिकचित्य निम मलवकर मातहतहिनिवारधारहियगंडसाधारण सभावनवासातास्वरमहदंतस्मासम्मन्नतवियाहियापानि नगद सचिश्ययादशमविश्अज्ञानीरुधिरस्वबोधिचियतिगमविस्तार किरिया सारखवाय धर्ममविण्ययमविवधर्ममतसम्यकञ्चशीमचि।१६ गमाविज्ञान मकरजए वधका समुदणसमशाणाईसुवीयरुशेमवा गिधिवासदीकिरियासारखवधामीझायाबणादि माना जाए मेरवा कशा जानीरमरणानश्योगिकसानोवादिकमवयदानदेजाण्याचशअम जीवनमचिम्यजिसेनिसर्गसनिकसीर १७॥ गुरुध्यदेममाघ । मामलपोत गया जीवाडकीबायपुरयावंचासहसंमायासदेवरायागयानिमायाकालिदिखता नामतकर । प: जिवीतरागदीठाजाण्यायदाव्यक्षेवकालमातिएकरीगच्यारियदाईसह यमनिअमेरकारि नदीत एजीवादिकमवयदायर अमेरजि अहोरामहिमहदाइसथामवायोमयजनहानियामनिसागसतिनायायायायाधिवलाया नवशाला प्रमीयन
तदि अधवाबयम्बध्यदिशसह) पादशकमधिमांणिवी १२य जीवनविषशगाध्यमोदनाज्ञानयागिन। पागासदहशबनमणिलामवासरुनिमायावरणारागादोसामाहानागंझसंत्राचार्य
याज्ञाधर्म - चाय तेत्राशासचिनामकहाई॥ जशास्वमिधांतनाउ अग्यारअंग अनअंगबाह्यमनराध्ययनादिशास्टिकरीसम्यकर रहाणांरायोत सारवल्लुप्रणाSATHIYAVAIसुन्नमविद्यातामुएणमादनसम्मतीयोगाणावादिर
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