Book Title: Trigranth Samuchhay Prashnottar Pradip Paryushanashthnika Vyakhyan Panchjin Stuti
Author(s): Lakshmivijay
Publisher: Bhogilal Kalidas Shah
View full book text ________________
( १७४ )
५२ प्रश्न - एकसमयमों वे क्रियाडोय ?
उत्तर - एकसमयमां वे उपयोगनहोय, क्रियातोघणीपणहोय दृष्टान्ततरीके कोइनकी भ्रमणादिनृत्यने करतीथकी एकसमयम पणहस्तपादादिगतविचित्रक्रियाकरतीदेखायछे, वळी सर्वे वस्तुओनो पण प्रत्येके एक समयमां उत्पादव्यय थायछे मजवळीक समयमां संघातपरिसाटपणथाय छे,
""
श्रीप्रश्नोत्तर प्रदीपे.
यदाहभाष्यकृत्
समएदोउवयोगानहोज्जकिरियाणकोदोसो'
""
इत्यलविस्तरेण
५३ प्रश्न - रजोहरणशब्दनोशो अर्थछे ?
उत्तर - जीवोनीबाह्यरज अने अभ्यन्तररजनेहरेछे तेकारणेकारीने
रजोहरण कहेवायछे.
09
यदुक्तंपञ्चवस्तुके
हर जीवाणंबइझं अभ्यंतरंचजंतेणरयहरणंति
पवुचइ
"5
तट्टीका
बध्यमानकर्म्मरूपंहरत्यपनयतियस्मात्तेनकारणेनरनोहरण
मितिप्रोच्यते "
५४ प्रश्न -कोने मीने सप्प विषरहित थाय छे ?
"रजोजीवानांबाह्यं पृथिवीरजःप्रभृतिकमभ्यन्तरथ
उत्तर- एमसंभळाय छे के वेतसने पामीने सप्प विषविनाना
वइजायले.
Loading... Page Navigation 1 ... 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248 249 250