Book Title: Trigranth Samuchhay Prashnottar Pradip Paryushanashthnika Vyakhyan Panchjin Stuti
Author(s): Lakshmivijay
Publisher: Bhogilal Kalidas Shah
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( १७६ ) श्रीप्रश्नोत्तरपदीपे.
उद्धर्षिणीतिगदितामुनिशैतवेन
श्रीपिङ्गलेनकथितामधुमाधवीति ॥ १॥ श्रीभक्तामर, कल्याणमन्दिर वसन्ततिलकांछदमां रचेला छे, अने ते महा चमत्कारी छे अत्र प्रस्तावने लीधे आटली
अधिक वात आत्महितार्थिजैनबंधुओने लखी जणावी छे. ५६ प्रश्न-छंदशास्त्रमा केटलागण छे अने ते दरेकगण केटला अक्षर
वाळो होयछे ? उत्तर-मगण-यगण-रगण--सगण-तगण-जगण-भगण-नगण
आवा आठ गण छे अने तेमां दरेक गण त्रण अक्षरवाळो होयछे तेनी वीगत नीचे प्रमाणे१ जे 'मगण' छे ते त्रणे गुरु अक्षरवाळो छे. २ जे 'यगण' छे ते आघमां एक लघु बीजा बे गुरु एवा त्रण अक्षरवाळो छे.
३ जे 'रगण' छे ते आदिअन्तमां गुरु अने मध्ये लघु एवा त्रण अक्षरवाळो छे.
४ जे 'सगण' छे ते आदि मध्यमां लघु अने अन्तमां गुरु एवा त्रण अ०
५ जे 'तगण' छे ते आदि मध्यमां गुरु अने अन्तमा लघु एवा त्रण अ०
६ जे 'जगण' छे ते आदि अन्तमां लघु अने मध्यमां गुरु एवा त्रण अ०
७ जे 'भगण' छे ते आघमां गुरु अने बीजा बे लघु एवा त्रण अ० ८ जे 'नगण' छे ते त्रणे लघु अक्षरवाळो छे.