Book Title: Tattvartha Sutra Part 02
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 862
________________ तत्त्वायसर्व भरूपयितुमाह-'दब्योमोयरिया तवे दुधिहे, उवारणदव्योमोयरिया-भत्त पाणदव्योमोयरिया य' इति । द्रव्यावमोदरिका तपः द्विविधं भवति, उपकरणद्रव्यावमोदरिका भक्तपानद्रव्याचमोदरिकाचेति । तत्र-वस्त्रपात्राद्युपकरणरूप द्रव्यविषयकाबमोदरिका तपा-उपकरणद्रव्यावमोदरिका तप उच्यते भक्तपानादिरूप द्रव्यविषयकाबमोदरिका तपो विशेष क्रियारूपं भक्तपानद्रव्यावमोदरिका तप उच्यते । उक्तश्चौपपातिके ३० सुत्रे-से कि तं व्यो. मोयरिया ३ व्योमोयरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा-उवगरण ब्यो मोयरिया य-भत्तपाणब्योमोयरिया य-' इति अथ का सा द्रव्यावमोदरिका-१ द्रव्यावमोदरिका द्विविधा प्रज्ञप्ता तद्यथा-उपकरणद्रव्यावमोदरिका च, भक्तपानद्रव्यावमोदरिका च इति ॥११॥ मूलम्-उवगरणदवोसोयरिया तिविहा, एगवत्थ-एग‘पाए-चियत्तोवगरण साइज्जणथा लेदओ ॥१२॥ -:: छाया-'उपकरण द्रव्यावमोदरिका त्रिविधा, एकवस्त्र-एकपात्र-यक्तोपकरण स्वादनता भेदतः ॥१२॥ द्रव्य-अवमोदरिका तप के दो भेद हैं-उपकरणद्रव्य-अवमोदरिका और भक्तपानद्रव्य-अवमोदरिका । वस्त्र-पान आदि उपकरणों संबंधी जनोदरी को उपकरणद्रव्य-अवनोदरिका तप कहते हैं और आहारपानी संबंधी ऊनोदी को भक्तपानद्रव्य-अवमोहिका कहते हैं। औपपातिकसूत्र के ३० वें सूत्र में कहा है प्रश्न-द्रव्य-अवमोरिका के कितने भेद हैं ? उत्तर-द्रव्य-अवमोदरिका के दो भेद है-उपकरण द्रव्य-अवमो. दरिका और भक्तपानद्रव्य-अवनोदरिका ॥११॥ 'उवगरण व्योमोयरिया' इत्यादि દ્રવ્ય અમેરિકા તપના બે ભેદ છે ઉપકરણ દ્રવ્ય અવમદરિકા અને ભક્તપાન દ્રવ્યાવમદનિકા વસ્ત્ર, પાત્ર આદિ ઉપકરણ સંબંધી ઉનેદરીને ઉપ કરણ દ્રવ્ય અમેરિકા તપ કહે છે અને આહાર પાણી સંબંધી ઉનાદરીને ભક્તપાનદ્રવ્ય અમેરિકા કહે છે પપાતિક સૂત્રના ત્રીસમાં સૂત્રમાં કહ્યું છે प्रश्न--०५-सपमहरिन सा मे छ. ? ઉત્તર-દ્રવ્ય અમેરિકાના બે ભેદ છે ઉપકરણદ્રવ્ય અવમોદરિકા અને ભક્તપાન દ્રવ્ય અમેરિકા ! ૧૧ છે . उबगरण व्वोमोयरिया' त्यात

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